दिल्ली । जगदीप धनखड़ देश के 14वें उपराष्ट्रपति होंगे। शनिवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हरा दिया। चुनाव में कुल 725 सदस्यों ने वोट किया। इनमें से धनखड़ को 528 वोट मिले, जबकि विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले। 15 वोट अमान्य कर दिए गए।
जगदीप धनखड़ 11 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है। इधर, PM मोदी ने दिल्ली में धनखड़ से मुलाकात कर जीत की बधाई दी। धनखड़ राजस्थान से भैरोंसिंह शेखावत के बाद दूसरे शख्स हैं, जो उपराष्ट्रपति बने हैं।
मार्गरेट अल्वा ने भी धनखड़ को जीत पर बधाई दी। साथ ही ट्वीट कर कई विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- दुर्भाग्य से, कुछ विपक्षी दलों ने एकजुट विपक्ष को पटरी से उतारने की कोशिश में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर BJP का समर्थन किया। उन्होंने अपनी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है।
पिछले 6 उपराष्ट्रपति चुनावों में सबसे बड़ी जीत
चुनाव के रिटर्निंग अफसर उत्पल सिंह ने बताया कि कुल 780 वोटर्स में से 725 (92.94%) ने वोट किया। जीत के लिए 356 वोटों की जरूरत थी। कुल वैलिड वोट में से धनखड़ को 74.36% वोट मिले। 1997 के बाद से हुए पिछले 6 उपराष्ट्रपति चुनावों में उन्होंने सबसे अधिक अंतर से जीत हासिल की है।
पिछले उपराष्ट्रपति चुनाव में एम वेंकैया नायडू को करीब 68% वोट मिले थे। धनखड़ ने इस चुनाव में वेंकैया नायडू को पीछे छोड़ दिया है। शनिवार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चुनाव में 55 सांसदों ने वोट नहीं डाला।
ममता के 2 सांसदों ने पार्टी का फैसला नहीं माना
ममता ने अपने 36 सांसदों को वोटिंग से दूर रहने की बात कही थी, लेकिन TMC सांसद शिशिर अधिकारी और दिव्येंदु अधिकारी ने ममता के फैसले के खिलाफ चुनाव में वोट किया। आंकड़ों के हिसाब से NDA कैंडिडेट धनखड़ की जीत के लिए BJP के ही वोट काफी थे। BJP के दोनों सदनों में 394 सांसद हैं, यह बहुमत के आंकड़े 356 से ज्यादा हैं।
सपा और शिवसेना के 2, जबकि बसपा के एक सांसद ने वोट नहीं किया। वही, भाजपा सांसद सनी देओल और संजय धोत्रे ने वोट नहीं किया।

780 का निर्वाचन मंडल, 725 सांसदों ने हिस्सा लिया
अभी लोकसभा में 543 सांसद हैं, जबकि राज्यसभा में 245 में से 8 सीटें खाली हैं। यानी निर्वाचन मंडल 788 के बजाय 780 सांसदों का था। ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव से दूर रहने का फैसला किया था।