दिल्ली । कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘फ्री कल्चर’ वाले बयान पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए पूछा कि 5.8 लाख करोड़ रुपए के बैंक लोन क्यों माफ किए गए और 1.45 लाख करोड़ रुपए के कॉरपोरेट टैक्स को क्यों घटाया गया?
शुक्रवार को गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से बात करते हुए सवाल किया कि बड़े कॉरपोरेट्स को बैंक कर्जमाफी और कॉरपोरेट टैक्स में कमी पर कब चर्चा होगी? कांग्रेस ने रेवड़ी कल्चर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से उठाए गए सवालों पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की सरकार को मुफ्त की रेवड़ियां तो दिखती हैं, लेकिन जो गजक बंट रही है वह नहीं दिखाई देती है।
मुफ्त की गजक अच्छी कैसे? कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि रेवड़ी गुड़ की चाशनी, तिल और घी के मिश्रण से बनती है और एक गजक से सैकड़ों रेवड़ियां बन जाती हैं। उन्होंने पूछा कि मुफ्त की रेवड़ियां खराब हैं तो मुफ्त की गजक कैसे अच्छी हो गई? गौरव वल्लभ ने कहा कि पिछले पांच सालों में बैंकों द्वारा बट्टे खाते में डाले गए 9.92 लाख करोड़ रुपए के कर्ज में से 7.27 लाख करोड़ रुपए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का है।
फ्री गिफ्ट्स पर चर्चा कब? गोविंद वल्लभ ने कहा कि सरकार ने संसद में एक जवाब में स्वीकार किया है कि उसके द्वारा बट्टा खाते में डाली गई राशि में से केवल 1.03 लाख करोड़ रुपए की वसूली की गई है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 5.8 लाख करोड़ रुपये के ऋण की वसूली नहीं की है। उन्होंने पूछा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पिछले पांच सालों में 5.8 लाख करोड़ रुपयों के फ्री गिफ्ट्स पर चर्चा कब होगी?
कांग्रेस ने किए 5 सवाल: रेवड़ी कल्चर पर केंद्र सरकार से कांग्रेस ने 5 सवाल किए। पब्लिक सेक्टर बैंक की तरफ से फिर पिछले 5 साल में दी गई 5 लाख 80 हजार करोड़ की फ्रीबीज पर चर्चा कब होगी? खाद्य सुरक्षा एक्ट, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य, मनरेगा जैसी योजनाओं पर अगर चर्चा हो रही है तो कॉरपोरेट टैक्स में कमी की वजह से 1.45 लाख करोड़ के सरकारी नुकसान की चर्चा कब होगी?
कांग्रेस ने पूछा कि क्या गरीबों को दी जाने वाली छोटी मदद रेवड़ी है और टैक्स कम करके अमीर मित्रों को दी जाने वाली मदद आवश्यक प्रोत्साहन है? चौथा सवाल जो कांग्रेस ने किया कि कैसे और कब झूठ की गठरी कल्चर का अंत होगा? क्या पीएम भ्रामक कल्चर का इस्तेमाल करके साल 2022 के वादों के लिए नई डेडलाइन देंगे?