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उच्च प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में ‘‘किशोर स्वास्थ्य क्लब‘‘ का होगा गठन:- मिशन निदेशक अपर्णा यू

लखनऊ : किशोर एक ऐसे वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं जो देश की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ किशोर ही समाज व परिवार में दायित्वों का वहन कर स्वस्थ परिवार व समाज की नींव डालते हैं। किशोरों की विशाल संख्या को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वह जीवंत और रचनात्मक शक्ति बनकर सतत् और समावेशी विकास में योगदान कर सकें। किशोर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता एवं गुणवत्ता हेतु प्रदेश संरकार गंभीर व कृत संकल्प है।

मिशन निदेशक अपर्णा यू ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 10 से 19 वर्ष के किशोरों का सार्वभौमिक आच्छादन किया जाता है, जिसमें शहरी और ग्रामीण, स्कूल जाने वाले और स्कूल न जाने वाले, विवाहित और अविवाहित तथा कमजोर/असेवित वर्ग के समस्त किशोर/किशोरियां शामिल हैं।

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उन्होंने कहा कि इस किशोर वय के स्कूल जाने वाले वर्ग के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के समन्वय से प्रदेश के समस्त उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में किशोर स्वास्थ्य क्लब गठित किये जाने का निर्णय लिया गया है। विद्यालयों में किशोर स्वास्थ्य क्लबों के माध्यम से समस्त स्वास्थ्य सम्बन्धी एवं स्वस्थ व्यवहार परिवर्तन सम्बन्धी गतिविधियाँ आयोजित कर शिक्षक, छात्रों एवं हेल्थ वालिंटयर्स संदेशवाहकों में से प्रशिक्षित स्वयंसेवकों का संवर्ग विकसित किया जाना है ताकि लैंगिक समानता और जीवन कौशल पर सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में सफलता मिल सके।

अपर्णा यू ने बताया कि प्रत्येक विद्यालय में गठित होने वाले क्लब में कम्यूनिटी हेल्थ आफिसर को मुख्य संरक्षक घोषित कर प्रधानाचार्य को क्लब संरक्षक, दो अध्यापक (एक महिला और एक पुरुष) हेल्थ ब्रिगेडियर, प्रत्येक कक्षा से दो छात्र (एक बालक और एक बालिका) हेल्थ कैप्टन और एन0एस0एस0, नेहरू युवा केंद्र, स्काउट एंड गाइड्स एवं एन0सी0सी0 के छात्र/छात्रा को भी हेल्थ कैप्टन बनाया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि हेल्थ ब्रिगेडियर के द्वारा विद्यालय में साप्ताहिक रूप से क्लब में स्वास्थ्य सत्रों का आयोजन किया जाना है। साथ ही, सदस्यों का अभिमुखीकरण, प्रश्नोत्तरी, खेल, वाद-विवाद, पोस्टर/चित्रकारी प्रतियोगिता, रंगोली, मेंहदी, स्लोगन, सुलेख, योग नैतिक शिक्षा, मोबाइल-इंटरनेट सम्बन्धी उपयोगिता के सुरक्षित तरीकों के सबंध में गतिविधियाँ संपादित कराई जायेंगी। प्रत्येक स्कूल में छात्रों की जिज्ञासाओं एवं प्रश्नों के समाधान हेतु ‘‘प्रश्न पेटिका‘‘ भी लगाई जाएगी ताकि झिझक न महसूस हो।

अपर्णा यू ने बताया कि किशोर स्वास्थ्य क्लब का संचालन एवं नेतृत्व का पूर्ण दायित्व शिक्षा विभाग द्वारा निर्वहन किया जाएगा, स्वास्थ्य विभाग सहयोगी की भूमिका में रहते हुए समस्त प्रकार की आवश्यक तकनीकी सहयोग एवं सामग्री उपलब्ध कराएगा। बेसिक शिक्षा विभाग से कार्यक्रम नोडल अधिकारी के रूप में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक शिक्षा विभाग से जिला विद्यालय निरीक्षक एवं स्वास्थ्य विभाग से जनपदीय आर0के0एस0के0 नोडल अधिकारी होंगे।

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विद्यालय में संचालित स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रम जैसे- साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड सम्पूरण कार्यक्रम, राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान, किशोरी सुरक्षा योजना एवं राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, किशोर स्वास्थ्य मंच, किशोर स्वास्थ्य दिवस, हैण्ड वाशिंग डे, स्कूल हेल्थ कार्यक्रम, मीना मंच एवं बाल संसद की गतिविधियाँ इस हेल्थ क्लब के माध्यम से संचालित की जायेंगी।

विद्यालय स्तर से ही छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य के प्रति संवेदित करने के उद्देश्य से प्रदेश के समस्त पूर्व माध्यमिक एवं इण्टर कॉलेजों में स्कूल हेल्थ क्लब का गठन किये जाने की योजना है। विद्यालयों में छात्रों के बीच विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से स्वास्थ्य कि विभिन्न विषयों पर रोचक एवं मनोरंजक तरीके से छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किये जाने का उद्देश्य है। प्रथम चरण में समस्त विद्यालयों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स प्रदान किये जा रहे हैं।

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