लखनऊ । भारत के पूर्व कानून मंत्री और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट शांति भूषण का 97 साल की उम्र में निधन हो गया है। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। शांति भूषण वकालत के अलावा सियासत का भी चर्चित नाम थे। आज की पीढ़ी भले ही उन्हें आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य के तौर पर पहचानती हो लेकिन वह कांग्रेस (ओ) और जनता पार्टी के जरिए भी सियासत में हाथ आजमा चुके हैं। वह राज्यसभा सासंद भी रह चुके हैं। शांति भूषण 6 सालों तक भाजपा में भी रह चुके हैं।
शांति भूषण और उनके बेट प्रशांत भूषण भी आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। उन्होंने 2012 में अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर AAP की स्थापना की थी। हालांकि दोनों ही कुछ समय बाद इस सियासी दल से दूर हो गए ।
अपने पिता के निधन के बात इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में प्रशांत भूषण ने कहा, “मैं बस इतना कह सकता हूं कि यह एक युग का अंत है। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने आजादी के बाद से संविधान और कानूनी प्रणाली के विकास को करीब से देखा। उन्होंने इन अनुभवों के बारे में दो किताबों- कोर्टिंग डेस्टिनी और माई सेकेंड इनिंग्स में लिखा। मैं बस इतना कह सकता हूं कि यह हम सभी के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।”