संत कबीर नगर । विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट संत कबीर नगर दिनेश प्रताप सिंह ने धारा 147, 323, 504, IPC के 07 आरोपी अभियुक्तों को, अभियोजन पक्ष की तरफ से पेश किए गए साक्ष्य को निराधार मानते हुए दोषमुक्त किया है जो जमानत पर चल रहे थे ।
अधिवक्ता मोहम्मद असलम से मिली जानकारी के अनुसार 3 वर्ष पहले ग्राम बकौली कला, थाना धनघटा निवासी वादिनी कवलपति उर्फ कौलपति ने 11 जुलाई 2019 को धनघटा थाना में लिखित सूचना दिया था कि हमारे धोबी घाट पर
उसी गांव के रहने वाले जमाल निजामुद्दीन ने कपड़ा धोने से रोक दिया था और कहासुनी हो गई थी । इसके उपरांत 11 जुलाई 2019 को ही शाम 6:30 बजे जमाल पुत्र निजामुद्दीन, सिकंदर पुत्र कौशर, मुकद्दर पुत्र कौशर, तारीक पुत्र कौशर, तोहा पुत्र निजामुद्दीन, बेलाल पुत्र जमाल,शहनशाह पुत्र तोहा,झिन्नू पुत्र कौसर, इसराइल पुत्र जमील ने एकजुट होकर जातिसूचक गालियां देते हुए मुक्का, लाठी डंडा, सरिया से मारा पीटा था जिसमें जयचंद पुत्र सूर्यनाथ, शिवनाथ पुत्र जयशंकर, सूर्यनाथ पुत्र भेल्लर, कमलावती पत्नी रामचंद्र, कंचना पत्नी शिवनाथ, व प्रार्थिनी को बुरी तरीके से चोटें आई थी ।
इनकी तहरीर के आधार पर थाना धनघटा ने धारा 147, 323, 504, भा. दं. वि. और 3 (1) द (3) ध एससी /एसटी एक्ट अन्तर्गत एफ आई आर दर्ज किया था और विवेचक ने अपने स्तर से आरोपपत्र भी दाखिल किया था, जिसकी न्यायालय में सुनवाई चल रही थी ।
इस संबंध में माननीय न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं को सुना और इस निर्णय पर पहुंचे कि अभियोजन पक्ष ने अभियुक्त गणों के विरुद्ध लगाए गए आरोप के संदर्भ में सही साक्ष्य उपलब्ध नहीं करा सके
आरोपी अभियुक्तों के बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता मोहम्मद असलम खान ने सशक्त पैरवी की इनके सशक्त पैरवी से अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता का पक्ष कमजोर पड़ गया ।
इस आधार पर 15 फरवरी 2023 को विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट संतकबीरनगर ने अभियुक्त गण, जमाल, सिकंदर, मुकद्दर, तारीक, तोहा हुसैन उर्फ ताहर हुसैन, शहंशाह उर्फ मोहम्मद तल्हा, व इसराइल को धारा 147, 323, 504, और एससी / एसटी एक्ट के आरोपी अभियुक्तों को दोषमुक्त कर दिया है साथ ही उनके जमानतनामे में बंध पत्र को निरस्त किया है, तथा प्रतिभूओं और दायित्वों से भी उन्मोचित किया है ।
माननीय न्यायाधीश ने वादिनी मुकदमा कौलपति उर्फ कवलपति ने तहरीर के विरुद्ध साक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था इसलिए उसके विरुद्ध धारा 344 दंड प्र सं के अंतर्गत प्रकीर्ण वाद कायम किया जाय वादिनी मुकदमा कौलपति उर्फ कवलपति को इस आशय की नोटिस दी जारी करने का आदेश दिया कि क्यों ना उसे न्याय प्रक्रिया का गलत रूप से इस्तेमाल करने के लिए संक्षिप्त विचारण करके दंडित किया जाए