लखनऊ: प्रदेश के भूजल स्तर को बढ़ाने के लिये जल को बचाना आवश्यक है। भूजल को बढ़ाने और उसके संरक्षण के लिये गांव-गांव लोगों की सोच बदलनी होगी। जल संचय के अलावा और कोई विकल्प नहीं, जिससे भूजल को बचाया जा सके। ये बातें जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने सोमवार को ‘उत्तर प्रदेश भूजल सम्मलेन’-2023 का शुभारंभ करते हुए कही। दयालबाग रिसोर्ट, सुशांत गोल्फ सिटी, अमर शहीद पथ पर “सस्टेनेबल ग्राउंड वाटर मैनेजमेंट एंड फ्यूचर चैलेंजेस“ विषय पर आयोजित सम्मेलन में जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी की सरकारें जल संरक्षण के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भूजल को बचाना हम सबकी संयुक्त जिम्मेदारी है। भूजल एक प्राकृतिक संसाधन है, जो हमारी जरूरतों को पूरा करता है, ये हमारे लिये उतना ही जरूरी है जितना जीने के लिए ऑक्सीजन। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल संरक्षण के विषय पर गंभीर है और इससे संबंधति कार्यक्रम जैसे वर्षा जल संचयन, भूजल संरक्षण को प्राथमकिता दे रही है।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश में भूजल का स्तर बढ़ाने के लिये दो बड़े अभियान शुरू किये ’अमृत सरोवर’ और ’खेत तालाब’। बुंदेलखण्ड का जिक्र करते हुए कहा कि “खेत में मेड़ और मेड़ पर पेड़, खेत का पानी खेत में, घर का पानी घर में” चले अभियान से बुंदेलखण्ड के कई जनपदों में जल स्तर ऊपर आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में आज जल संकट दूर करने के लिये और जल संचयन को प्रोत्साहन देने के लिये मिशन अमृत सरोवर का 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इस मिशन में उत्तर प्रदेश निरंतर आगे है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान की तरह जल संरक्षण अभियान को भी आगे बढ़ाना होगा। भूजल चिंता का बड़ा विषय है, इसपर मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि सरकार इतना परिश्रम कर रही है कि जो नदियां लुप्त हैं उनका स़्त्रोत ढूढ़ने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल संचय के अलावा कोई चारा नहीं है जो जल को बचाया जा सके। इसके लिये लोगों की सोच बदलनी होगी, जब तक सोच नहीं बदलेगी काम नहीं चलेगा। भूजल संरक्षण के लिये लोगो को सहयोग लेकर निरंतर प्रयास करने की जरूरत है।
जलशक्ति मंत्री ने सम्मेलन में देश भर से आए वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, छात्रों, इंजीनियरों, स्वयंसेवी संस्थानों के विषय विशेषज्ञों को विश्वास दिलाया कि उत्तर प्रदेश की सभी नदियां सुरक्षित और भूजल संरक्षित रखेंगे।
भूगर्भ जल के निदेशक वी.के. उपाध्याय ने इस अवसर पर कहा कि भूगर्भ जल विभाग प्रदेश में भूजल के प्रबंधन एवं नियोजन के लिये नोडल विभाग के रूप में कार्यरत है। भूजल के विस्तृत, समेकित एवं धारणीय विकास हेतु विभाग द्वारा एक नई पहल करते हुये शासकीय विभागों, शैक्षणिक संस्थानों/शोध संस्थानों एवं गैर शासकीय सगंठनें के मध्य एक साझा मंच विकसित करने हेतु ‘राष्ट्रीय भूजल सम्मेलन’-2023 का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के विशेष सचिव राजेश कुमार पाण्डेय, वरिष्ठ विभागीय अधिकारी देश भर से आये हुये वैज्ञानिक सहित छात्र/छात्रायें उपस्थित रहे।