प्रयागराज । समाजवादी पार्टी नेता और पूर्व मंत्री आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने आजम खान की जमानत निरस्त करने की मांग वाली उत्तर प्रदेश सरकार की अर्जी खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वह निचली अदालत में याचिका दाखिल कर सकती है। यूपी सरकार की ओर से 11 मामलों में जमानत निरस्त करने को लेकर अर्जी दाखिल की गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट से इन सभी मामलों में आजम खान को पहले से जमानत मिली हुई है।
आजम खान को 11 मुकदमों में मिली जमानत निरस्त करने की याचिका खारिज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान को राहत देते हुए जौहर विश्वविद्यालय के लिए जमीन हड़पने के 11 मुकदमों में मिली जमानत निरस्त करने की राज्य सरकार की अर्जियों पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने अर्जियां निस्तारित करते हुए कहा कि सरकार के सामने यह विकल्प है कि जिस अदालत ने आजम खान को बेल दी है, उसी अदालत के समक्ष जमानत निरस्त कराने की अर्जी दाखिल करे।
हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि वह निचली अदालत में याचिका दाखिल कर सकती है
राज्य सरकार द्वारा 2020 में दायर याचिका का निस्तारण करते हुए जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने कहा, “अदालत का विचार है कि अगर राज्य सरकार को लगता है कि आजम खान के आपराधिक इतिहास को निचली अदालत के संज्ञान में लाए जाने के बावजूद ट्रायल कोर्ट ने इस पर विचार नहीं किया है, तो राज्य सरकार उस अदालत के समक्ष आवेदन कर सकता है जिसने जमानत दी है।” इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, “अगर अभियुक्त-प्रतिवादी मुकदमे में सहयोग नहीं कर रहा है और जमानत के नियमों और शर्तों का उल्लंघन कर रहा है, तो राज्य के पास आवेदन दायर करने के लिए कानून के तहत स्वतंत्रता है।”
आजम खान की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील विवेक तन्खा ने पक्ष रखा। जस्टिस डीके सिंह की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। यूपी सरकार की ओर से सपा नेता को 11 मुकदमों में मिली जमानत निरस्त कराने के लिए अर्जियां दाखिल की गई थीं। ये सभी मुकदमे जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीन जबरन हड़पने के मामले में रामपुर के अजीम नगर थाने में दर्ज कराए गए थे। हाल ही में रामपुर की अदालत ने इन 11 मामलों में आजम खान की जमानत मंजूर की थी।
यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की थी याचिका
जमानत निरस्त करने के संदर्भ में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि ट्रायल कोर्ट ने आजम खान को बेल देते समय उनके लंबे आपराधिक इतिहास पर विचार नहीं किया। वहीं, आजम खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट ने आपराधिक इतिहास सहित सभी बिंदुओं पर विचार करने के बाद ही जमानत मंजूर की है।