लखनऊ: लोकसभा में वित्त विधेयक 2023 को पेश किए जाने के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा एनपीएस में सुधार हेतु वित्त सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाने की घोषणा पर अटेवा पेंशन बचाओ मंच ने अपने आपत्ति जताते हुए 16 अप्रेल को आंदोलन करने का आह्वान किया है।
अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष व एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार *बन्धु* ने कहा कि 19 वर्ष बीत जाने के बाद एनपीएस में संशोधन किए जाने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि अब जब राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब व हिमाचल प्रदेश राज्य अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दे रहे हैं तो अब एनपीएस में सुधार के बजाय पुरानी पेंशन लागू करें न कि सुधार।
पुरानी पेंशन के लिए संगठन अपनी कमर कस लिया है 16 अप्रैल को हर जिला मुख्यालय पर संवैधानिक मार्च निकाला जाएगा एवं 1 जून से देशव्यापी एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो रथयात्रा , 1 से 9 अगस्त तक सांसदों के घर पर घंटी बजाओ अभियान चलाया जाएगा। उसके बाद 1 अक्टूबर को दिल्ली में पेंशन शंखनाद रैली की जाएगी ।
देश का 80 लाख शिक्षक कर्मचारी अपने हक की लड़ाई अंतिम क्षण तक पड़ेगा। अटेवा के प्रदेश महामंत्री डॉ0 नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि 1 अप्रैल 2005 को उत्तर प्रदेश में नई पेंशन व्यवस्था लागू की गयी। पिछले कई सालों से अटेवा काला दिवस मनाते आया है इस बार भी शिक्षक कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर काले कानून का विरोध करेंगे।
प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ राजेश कुमार ने कहा कि देश व प्रदेश का पेंशनविहीन कर्मचारी केंद्र सरकार की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है और आशान्वित है कि केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पूर्व पुरानी पेंशन बहाल करेगी। क्योंकि पुरानी पेंशन को ले करके शिक्षक कर्मचारी काफी समय से आंदोलित हैं और काफी आक्रोशित भी। पुरानी पेंशन बहाली का रास्ता सरकार जल्द ही निकाले ।