Advertisement
टॉप न्यूज़राष्ट्रीय

सुप्रीमकोर्ट ने दिया सरकारी अफसरों को बड़ा झटका, भ्रष्टाचार के मामलों में बिना मंजूरी के चल सकेगा मुकदमा

नई दिल्ली,-उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के स्तर के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के मामलों में बिना मंजूरी के मुकदमा चलाया जाएगा। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना,न्यायमूर्ति अभय एस ओका, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया।

शीर्ष अदालत का यह फैसला इसलिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि 11 सितंबर 2003 ( जब यह प्रावधान शामिल किया गया था) के बाद से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सभी लंबित मामलों पर बिना मंजूरी के मुकदमा चलाया जा सकता है और पूर्व मंजूरी के अभाव में किसी भी मुकदमे को अनुचित नहीं माना जाएगा।

Advertisement

न्यायमूर्ति कौल की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह भी माना कि संविधान के अनुच्छेद 20(1) की दिल्ली सिपाही पुलिस स्थापना अधिनियम की धारा 6ए की वैधता या अमान्यता कि कोई प्रयोज्यता नहीं है।

पीठ ने कहा, “दिल्ली सिपाही पुलिस स्थापना अधिनियम की धारा 6ए को इसके सम्मिलित करने की तारीख यानी 11 सितंबर, 2003 से लागू नहीं माना जाता है।” इसी की वजह से अधिकारियों को कुछ संरक्षण प्राप्त था।

Advertisement

सुब्रमण्यम स्वामी के मामले में 6 मई 2014 को एक फैसले में संविधान पीठ द्वारा डीएसपीई अधिनियम की धारा 6ए(1) को अमान्य और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन माना गया था।

शीर्ष अदालत ने अपने 2014 के फैसले की घोषणा की – जिसने केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य को भ्रष्टाचार के मामलों में बिना पूर्व मंजूरी के मुकदमा चलाने से दी गई छूट को असंवैधानिक करार दिया – अब इसे पूर्वव्यापी रूप से लागू किया जाएगा। पीठ कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी के मामले में संविधान पीठ द्वारा की गई घोषणा पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू होगी।

Advertisement

Related posts

Delhi: कोर्ट ने केजरीवाल को 01 अप्रैल तक ईडी हिरासत में भेजा

Sayeed Pathan

करारी हार के बाद कांग्रेस की कार्रवाई: सोनिया ने 5 राज्यों के अध्यक्षों से मांगा इस्तीफा; उत्तराखंड पार्टी चीफ बोले- मेरा लेटर तैयार था, भेज दिया

Sayeed Pathan

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से ऑनलाइन कर सकते हैं, ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स

Sayeed Pathan

एक टिप्पणी छोड़ दो

error: Content is protected !!