लखनऊ: कानपुर एक ऐतिहासिक शहर है। यहां सांस्कृतिक विविधता है। कानपुर शहर का स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यहाँ पर कई प्राचीन दर्शनीय स्थल है। यहां गंगा आरती देखने के लिये भारी भीड़ इकट्ठा होती है। इसके अलावा पौराणिक एवं धार्मिक स्थलों में कानपुर की अपनी अलग पहचान है। यही कारण हैं कि कानपुर पर्यटकों के पसंदीदा स्थलों में से एक है। इसलिये पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये अलग-अलग आकर्षक पैकेज आगामी 07 मार्च से शुरू किये जा रहें है। रविवार और अन्य अवकाश के दिनों में इस पैकेज में भ्रमण कराया जाएगा। समूहों में अलग से भ्रमण के लिये विशेष पैकेज है। कानपुर दर्शन इसी कड़ी का हिस्सा है। बुकिंग के लिए कानपुर दर्शन की आफिशियल वेबसाइट उपलब्ध है।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होने बताया कि जिलाधिकारी की अवकाश सूची और राजकीय अवकाश के दिनों में तीन पैकेज संचालित किए जाएंगे। पहले पैकेज के अन्तर्गत बिठूर दर्शन, जिसमें प्रति व्यक्ति 330 रुपये यात्रा व्यय है। इस पैकेज में ध्रुव टीला, बिठूर घाट ( ब्रह्म खूंटी, बारादरी, गणेश मंदिर), बिठूर संग्रहालय, लव कुश जन्मस्थली एवं सीता की रसोई, सुधांशु जी आश्रम का भ्रमण कराया जाएगा। कानपुर स्थित रामा देवी चौराहा पर सुबह साढ़े आठ बजे से, संजय वन से नौ बजे और रावतपुर चौराहा से सुबह साढ़े नौ बजे यात्रा प्रारंभ होगी। पैकेज में गाइड और नि:शुल्क जलपान की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि दूसरे पैकेज के अन्तर्गत धार्मिक दर्शन, इसमें प्रति व्यक्ति यात्रा व्यय 280 रुपये तय किया गया है। श्रद्धालुओं को तपेश्वरी मंदिर, आनंदेश्वर मंदिर, जेके मंदिर, इस्कान मंदिर, सुधांशु जी आश्रम, साई मंदिर, जैन मंदिर, पनकी मंदिर का भ्रमण कराया जाएगा। रामादेवी चौराहा से सुबह साढ़े आठ बजे, मनोज इंटरनेशनल से पौने नौ बजे, घंटाघर चौराहा से 9.10 बजे और फूलबाग चौराहा से साढ़े नौ बजे यात्रा शुरू होगी।
जयवीर सिंह ने बताया कि तीसरा पैकेज, रात्रि दर्शन है। इसमें प्रति व्यक्ति यात्रा व्यय 390 रुपये है। पैकेज में गंगा आरती का दर्शन कराया जाएगा। एल्गिन मिल, लाल इमली, कोतवाली और फूलबाग लाइट एंड साउंड शो का भ्रमण कराया जाएगा। इस पैकेज में घंटाघर चौराहा से शाम को चार बजे, फूलबाग चौराहा से शाम साढ़े चार बजे और मोतीझील से शाम पांच बजे यात्रा शुरू होगी। तीनों में पैकेज में गाइड और नि:शुल्क जलपान की सुविधा रहेगी। 20 पर्यटकों से अधिक का समूह उपलब्ध होने पर ग्रुप की क्षमता के अनुसार बस उपलब्ध कराते हुए स्थलों का चयन, भ्रमण समय और दिन निर्धारित किया जाएगा।
कानपुर में दूसरे दर्शनीय स्थल भी मौजूद है। जिसमें नानाराव स्मारक एवं बिठूर म्यूजियम, भीतरगांव बिठूर ब्रह्मवर्त घाट, पत्थर घाट, ध्रुव टीला, आल सोल चर्च, फूलबाग लाइट एंड साउंड शो सरसैया घाट, मैसकर घाट, निबिया खेड़ा मंदिर, कानपुर चिड़िया घर, जंगल सफारी बेहटा बुजुर्ग, अटल घाट, जेके मंदिर सुधांशु आश्रम के साथ ही कई और पर्यटक स्थल हैं। उन्होने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा लोग पर्यटन करें। इसके लिए हम पर्यटन स्थलों और पर्यटक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन का मॉडल आधुनिकता एवं प्राचीनता का संगम है। इसके अलावा आस्था के साथ जीविका को जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने पर्यटन सेक्टर पर विशेष फोकस किया है। जिसके तहत प्रदेश के सभी जनपदों में एक स्थल को चयन करके पर्यटन के रूप में विकसित किये जाने का निर्णय लिया गया है।