लखनऊ उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण बैठक लोक भवन लखनऊ में आयोजित किया गया। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय पंचायती राज प्रधान संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के दौरान 12 प्रमुख मांगों पर विचार विमर्श किया गया। जिसमें से 11 मांगों पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सहमति जताई है।
बैठक के दौरान लिए गए मुख्य निर्णय में ग्राम सभा के विद्यालयों एवं पंचायत भवनों के बिजली बिल कमर्शियल डर से मुक्त कर दिए गए हैं, उत्तर प्रदेश के ग्राम प्रधानों को प्राथमिक विद्यालयों की प्रबंधन समिति में सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा, राज्य सरकार ने 13 हजार छोटी ग्राम पंचायत को 5 से 6 लख रुपए की धनराशि प्रदान करने का फैसला लिया है, ग्राम सभा की तालाब पट्टा प्रक्रिया उप जिला अधिकारी के द्वारा ग्राम सभा के प्रस्ताव पर की जाएगी, जिसकी धनराशि सीधे ग्राम सभा के खाते में जमा होगी, जिला योजना में अब 2 ग्राम प्रधानों को सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा।
हर महीने पुलिस विभाग और उच्च अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक का आयोजन होगा, मनरेगा के अंतर्गत सभी भुगतान ग्राम सभा के माध्यम से किए जाएंगे, ग्राम प्रधानों के मानदेय, भत्ते व पेंशन को पुनः बहाल किया जाएगा, ग्राम प्रधानों को प्रोटोकॉल का दर्जा दिया जाएगा, उत्तर प्रदेश के सभी ग्राम प्रधानों के लिए लखनऊ में प्रधान सचिवालय का निर्माण होगा, इस दौरान राष्ट्रीय पंचायती राज प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ललित कुमार शर्मा ने यूपी सरकार व मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस बैठक में मुख्य रूप से गणेश ठाकुर, राकेश कुमार सिंह, शकील अहमद, घनश्याम पांडे,अखिलेश सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।