Report – Sayeed Pathan
लखनऊ। “मोरल जगाना है, भारत बनाना है” के प्रेरक उद्घोष से गुरुवार को इकाना स्टेडियम गूंज उठा। मोरल ग्रुप द्वारा आयोजित 18वें महाकुंभ में देशभर से आए मोरल वीर प्रतिनिधियों ने इस नारे को पूरे जोश और उमंग के साथ दोहराया। आयोजन का उद्देश्य देश में नैतिक मूल्यों को जागृत करना और नए भारत के निर्माण की दिशा में सामूहिक प्रयास करना है।
भव्य आयोजन में उमड़ा जनसैलाब
इस महाकुंभ में देश के कोने कोने से आए वीर वीरांगनाओं ने भाग लिया। वीर वीरांगनाओं को सम्मानित करने से लेकर प्रेरक सत्रों तक, यह आयोजन उत्साह, जोश और प्रेरणा से भरा हुआ है । एक टन चांदी से वीर वीरांगनाओं का सम्मान किया जाएगा जो इस आयोजन का मुख्य आकर्षण है।
प्रेरक सत्र: सफलता के मंत्र
विश्व प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर्स ने स्टेडियम में उपस्थित हजारों युवाओं को जीवन में कामयाबी के गुण सिखाए जायेंगे। यहां उपस्थित मोरल वीरों की सकारात्मक सोच, आत्मविश्वास और नैतिकता को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने पर जोर दिया। सत्र के दौरान “मोरल जगाना है, भारत बनाना है” का नारा बार-बार गूंजता रहा।
वीर वीरांगनाओं का सम्मान
इस आयोजन में उन मोरल वीर वीरांगनाओं को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने अपने अदम्य साहस और सेवा भावना से समाज में बदलाव लाने का प्रयास किया। इन्हें एक टन चांदी के प्रतीक चिह्न देकर उनकी सेवाओं को सराहा जायेगा।
मोरल ग्रुप का उद्देश्य
मोरल ग्रुप के अध्यक्ष ने कहा, “यह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि नए भारत के निर्माण की दिशा में एक आंदोलन है। हम नैतिक मूल्यों के पुनर्जागरण के साथ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
जनभागीदारी की मिसाल
आयोजन में आए प्रतिभागियों ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया। स्टेडियम में “मोरल जगाना है, भारत बनाना है” के नारे से एकजुटता और ऊर्जा का माहौल बन गया।
नई उम्मीदों की ओर एक कदम
मोरल ग्रुप का यह आयोजन एक ऐसे भारत की कल्पना का प्रतीक है, जहां नैतिकता, एकता और प्रगति की दिशा में सामूहिक प्रयास किए जाएं। यह महाकुंभ प्रतिभागियों के लिए प्रेरणा और देश के विकास में योगदान देने का एक मंच साबित हो रहा है।