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योगी सरकार के खिलाफ कांग्रेस का विधानसभा घेराव, पुलिस ने पदाधिकारियों को किया होम अरेस्ट

Report -Sayeed Pathan

गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, लखनऊ, । उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ बढ़ते असंतोष और विरोध को लेकर कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को विधानसभा घेराव का ऐलान किया था। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार बेरोजगारी, धार्मिक तानाशाही, अदालत के निर्देशों की अनदेखी कर बुलडोजर कार्यवाही, और अल्पसंख्यकों के खिलाफ दमनकारी नीतियां लागू कर रही है। इस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए प्रदेश भर में कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को सरकार के निर्देश पर पुलिस ने मंगलवार को होम अरेस्ट कर लिया।

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प्रमुख मुद्दे जिन्हें लेकर कांग्रेस ने किया विरोध का ऐलान

कांग्रेस पार्टी का दावा है कि योगी सरकार की नीतियां जनता के हितों के खिलाफ हैं। विरोध प्रदर्शन के मुख्य मुद्दे निम्नलिखित थे:

  1. बेरोजगारी की समस्या:
    कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि रोजगार के अवसर पैदा करने के बजाय, योगी सरकार ने युवाओं को सिर्फ आश्वासन दिया है। सरकारी भर्तियों में देरी और प्राइवेट सेक्टर में गिरते रोजगार के आंकड़े इस सरकार की विफलता को उजागर करते हैं।
  2. धार्मिक तानाशाही:
    कांग्रेस ने राज्य सरकार पर धार्मिक आधार पर भेदभाव और तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।
  3. बुलडोजर कार्यवाही पर कोर्ट की रोक की अनदेखी:
    अदालतों द्वारा कई मामलों में बुलडोजर कार्यवाही पर रोक लगाने के बावजूद, राज्य सरकार कथित तौर पर उन निर्देशों की अनदेखी कर रही है। विपक्ष का कहना है कि यह गरीब और कमजोर तबकों के अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।
  4. अल्पसंख्यकों के खिलाफ दमनकारी नीतियां:
    कांग्रेस का आरोप है कि सरकार अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बना रही है और उनके खिलाफ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है।

पुलिस की सख्ती: नेताओं और कार्यकर्ताओं को किया गया नज़रबंद

राज्य सरकार ने कांग्रेस के इस विधानसभा घेराव को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए। सुबह से ही प्रदेश भर में कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के घरों के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिए गए। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, और प्रयागराज जैसे शहरों में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को घरों से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी गई।

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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो साझा कर कहा,
“यह योगी सरकार की तानाशाही है। जनता की आवाज़ को दबाने के लिए सरकार लोकतांत्रिक विरोध का गला घोंट रही है। लेकिन कांग्रेस पीछे हटने वाली नहीं है।”

कांग्रेस का पलटवार

कांग्रेस के नेताओं ने पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे “लोकतंत्र पर हमला” करार दिया। पार्टी का कहना है कि सरकार जनता की आवाज को सुनने के बजाय विरोध को दबाने की कोशिश कर रही है।

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प्रदेश प्रवक्ता अंकित सिंह ने कहा,
“हमारा विरोध शांतिपूर्ण था। लेकिन यह सरकार हर विरोध को कुचलने की कोशिश कर रही है। बेरोजगारी, बुलडोजर की आड़ में गरीबों को बेघर करना और धार्मिक भेदभाव जैसे मुद्दों पर सवाल पूछना हमारा अधिकार है।”

बस्ती के जिला अध्यक्ष सहित कई कांग्रेस नेता किए गए होम अरेस्ट

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योगी सरकार की नीतियों के खिलाफ कांग्रेस द्वारा विधानसभा घेराव के आह्वान को लेकर प्रशासन ने प्रदेश भर में सख्ती दिखाई। बस्ती जिले में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सहित कई प्रमुख नेताओं को उनके घरों पर नजरबंद कर दिया गया। पुलिस ने मंगलवार सुबह से ही इन नेताओं के घरों के बाहर सुरक्षा तैनात कर दी, जिससे वे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए लखनऊ रवाना न हो सकें।

संतकबीर नगर: कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सहित कई नेताओं को नजरबंद किया गया

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योगी सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के विधानसभा घेराव कार्यक्रम से पहले प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए संतकबीर नगर में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय सहित कई नेताओं को उनके घरों पर नजरबंद कर दिया। मंगलवार सुबह से ही पुलिस ने नेताओं के घरों के बाहर पहरा लगा दिया, जिससे वे घेराव में शामिल होने के लिए लखनऊ रवाना न हो सकें।

जिला अध्यक्ष प्रवीण चंद पांडेय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता गांधीवादी विचारधारा का पालन करते हैं और संघर्ष उनके खून में है। उन्होंने योगी सरकार और पुलिस की इस कार्रवाई को कायरता करार दिया और दावा किया कि इस तरह के दमनात्मक कदम कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उनके उद्देश्यों से नहीं डिगा सकते।

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उन्होंने सरकार पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी और कार्यकर्ता किसी भी स्थिति में लखनऊ पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।

गोरखपुर के कांग्रेस के जिला अध्यक्ष समेत कई नेता किए गए होम अरेस्ट

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के विधानसभा घेराव के आह्वान से पहले गोरखपुर जिले में कांग्रेस जिला अध्यक्ष सहित कई नेताओं को पुलिस ने मंगलवार को उनके घरों पर नजरबंद कर दिया। प्रशासन ने इस कदम को कानून-व्यवस्था बनाए रखने का हिस्सा बताया, जबकि कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र का हनन करार दिया।

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सरकार की प्रतिक्रिया

योगी सरकार के अधिकारियों ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए ये कदम उठाए गए हैं। सरकार ने इसे “विपक्ष की राजनीति का ड्रामा” करार दिया और कहा कि विपक्ष वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय अफवाहें फैलाने की कोशिश कर रहा है।

क्या कहता है विपक्ष?

समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने भी कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा,
“यह सरकार पूरी तरह से विफल हो चुकी है। जनता की आवाज़ उठाने वालों को चुप कराने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया जा रहा है।”

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उत्तर प्रदेश में योगी सरकार और विपक्ष के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस का विधानसभा घेराव भले ही पुलिस की सख्ती के चलते सफल नहीं हो सका, लेकिन इस घटना ने सरकार की नीतियों और विपक्ष की रणनीतियों पर एक बार फिर से चर्चा छेड़ दी है। यह देखना होगा कि कांग्रेस अपने विरोध को किस दिशा में ले जाती है और सरकार इन आरोपों पर कैसे जवाब देती है।

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