लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को बुधवार को विधानसभा का घेराव करने के प्रयास में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अजय राय अपने समर्थकों के साथ विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान हुई धक्का-मुक्की में अजय राय बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
क्या है मामला?
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और उनके समर्थक विभिन्न मुद्दों को लेकर विधानसभा का घेराव करने जा रहे थे। उनका कहना था कि राज्य सरकार बेरोजगारी, महंगाई, कानून व्यवस्था और किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने इन मुद्दों पर सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया।
प्रदर्शन के दौरान बढ़ा तनाव
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। जब अजय राय और उनके समर्थक बैरिकेड्स पार करने की कोशिश कर रहे थे, तभी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इस दौरान अजय राय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
अजय राय हुए बेहोश
गिरफ्तारी के दौरान हुई धक्का-मुक्की के चलते अजय राय अचानक बेहोश हो गए। उन्हें तुरंत वहां से अस्पताल ले जाया गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस ने बलपूर्वक कार्रवाई की, जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई।
कांग्रेस ने किया विरोध
अजय राय की गिरफ्तारी और धक्का-मुक्की में उनके बेहोश होने की घटना के बाद कांग्रेस ने सरकार और पुलिस प्रशासन पर निशाना साधा। पार्टी नेताओं का कहना है कि सरकार विरोध की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने अजय राय को तत्काल रिहा करने और पुलिस की कार्रवाई की जांच की मांग की।
पुलिस का पक्ष
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने कानून व्यवस्था भंग करने की कोशिश की, जिसके कारण उन्हें कार्रवाई करनी पड़ी। अजय राय की तबीयत खराब होने पर उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई।
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
अजय राय की गिरफ्तारी पर अन्य विपक्षी दलों ने भी राज्य सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह घटना लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास है और सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए प्रशासन का दुरुपयोग कर रही है।
कांग्रेस का आगे का कदम
कांग्रेस पार्टी ने ऐलान किया है कि वे इस मुद्दे को लेकर पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि जब तक अजय राय को रिहा नहीं किया जाता और पुलिस कार्रवाई की जांच नहीं होती, तब तक कांग्रेस अपना संघर्ष जारी रखेगी।
यह घटना उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ ला सकती है और आगामी दिनों में राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां और तेज होने की संभावना है।