(Report- Sayeed Pathan chief Editor)
संतकबीरनगर। गणतंत्र दिवस समारोह के आयोजन को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा किए गए आमंत्रण में वरिष्ठ पत्रकारों की अनदेखी से पत्रकारिता जगत में नाराजगी देखी जा रही है। जिले के कई अनुभवी और वरिष्ठ पत्रकारों को आमंत्रण सूची से बाहर रखा गया, जबकि कुछ चुनिंदा लोगों को ही समारोह में शामिल होने का अवसर दिया गया है। इस फैसले को लेकर पत्रकारों में असंतोष व्याप्त है और इसे उनके योगदान का अपमान बताया जा रहा है।
क्या है कारण?
पत्रकारों का कहना है कि वर्षों से जनपद की प्रशासनिक गतिविधियों को निष्पक्ष रूप से रिपोर्ट करने वाले पत्रकारों को इस बार समारोह में आमंत्रित न करना कई सवाल खड़े करता है। कुछ लोगों का मानना है कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा जानबूझकर स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारों को दरकिनार किया गया, जबकि कुछ का कहना है कि यह प्रशासनिक लापरवाही हो सकती है।
वरिष्ठ पत्रकारों ने जताई नाराजगी
अनुभवी पत्रकारों का कहना है कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और गणतंत्र दिवस जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर उन्हें नजरअंदाज करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यप्रणाली से प्रेस और प्रशासन के बीच की दूरी बढ़ सकती है, जिससे जनहित की खबरों को प्रभावी ढंग से सामने लाने में कठिनाई होगी।
पत्रकार संगठनों ने की पुनर्विचार की मांग
इस मामले पर पत्रकार संगठनों ने पुलिस प्रशासन से अनुरोध किया है कि आमंत्रण सूची पर पुनर्विचार किया जाए और सभी वरिष्ठ पत्रकारों को उचित सम्मान दिया जाए। संगठनों का कहना है कि प्रशासन को निष्पक्ष और समावेशी दृष्टिकोण अपनाना चाहिए ताकि सभी पत्रकारों को समान अवसर मिल सके।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय की चुप्पी
इस मामले में पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे स्थिति और भी असमंजसपूर्ण हो गई है।
पत्रकारों की अपील
वरिष्ठ पत्रकारों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि भविष्य में इस प्रकार की अनदेखी न की जाए और सभी पत्रकारों को समान रूप से मान्यता और अवसर प्रदान किया जाए ताकि प्रशासन और मीडिया के बीच सहयोग की भावना बनी रहे।