संपादकीय
भारत वर्ष 2025 में अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, जो देश की संप्रभुता, एकता और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था, जिसने देश को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित किया। इस महत्वपूर्ण अवसर ने भारत की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक यात्रा को एक नई दिशा दी।
गणतंत्र दिवस का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
गणतंत्र दिवस का इतिहास 1929 के लाहौर अधिवेशन से जुड़ा है, जहां पंडित नेहरू के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की मांग की थी। 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया गया, और इसी दिन को महत्व देते हुए संविधान सभा ने 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान को लागू करने का निर्णय लिया। यह दिन भारत के स्वतंत्र और लोकतांत्रिक स्वरूप को स्थापित करने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।
भारतीय संविधान की विशेषताएं
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे विस्तृत लिखित संविधान है, जो भारत की विविधता में एकता की भावना को संजोता है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- संप्रभुता और लोकतंत्र: संविधान ने भारत को एक संप्रभु राष्ट्र घोषित किया, जहां नागरिकों को अधिकारों और कर्तव्यों का संतुलन प्रदान किया गया है।
- मौलिक अधिकार और कर्तव्य: संविधान नागरिकों को स्वतंत्रता, समानता और न्याय के अधिकार प्रदान करता है, साथ ही कर्तव्यों के पालन की अपेक्षा भी रखता है।
- संघीय ढांचा: केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शक्तियों का विभाजन एक संतुलित शासन प्रणाली सुनिश्चित करता है।
- सामाजिक न्याय: संविधान में सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा देने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं, जिनमें आरक्षण नीति और कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण के प्रयास शामिल हैं।
- संविधान की लचीलापन: इसे समय-समय पर संशोधनों के माध्यम से परिवर्तित और अद्यतन किया गया है ताकि यह बदलते समय के अनुरूप बना रहे।
भारत की यात्रा: 1950 से 2025 तक
पिछले 75 वर्षों में भारत ने आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। आज भारत वैश्विक स्तर पर एक उभरती हुई महाशक्ति है।
- आर्थिक विकास: 1991 के उदारीकरण के बाद, भारत एक तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बन गया है। डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी पहलें देश की प्रगति में सहायक रही हैं।
- वैज्ञानिक और तकनीकी उन्नति: इसरो द्वारा चंद्रयान और मंगलयान अभियानों से लेकर डिजिटल क्रांति तक, भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है।
- रक्षा और सुरक्षा: भारतीय सशस्त्र बलों ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
- सामाजिक सशक्तिकरण: शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे समाज का हर वर्ग मुख्यधारा से जुड़ रहा है।
गणतंत्र दिवस समारोह: एक भव्य परंपरा
हर वर्ष गणतंत्र दिवस पर राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर होने वाली परेड भारत की सांस्कृतिक और सैन्य शक्ति का अद्भुत प्रदर्शन है। इस दिन भारत की विभिन्न राज्यों की झांकियां, वीरता पुरस्कार विजेता बच्चे और भारतीय सेना, नौसेना व वायुसेना की झलक देखने को मिलती है।
इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह की विशेषता:
- अतिथि: प्रत्येक वर्ष एक विदेशी नेता को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है, जो भारत की वैश्विक कूटनीति को दर्शाता है।
- थीम: हर साल एक विशेष विषय पर आधारित झांकियां होती हैं, जो भारत की प्रगति को रेखांकित करती हैं।
- नारी शक्ति का प्रदर्शन: हाल के वर्षों में भारतीय महिलाएं परेड में प्रमुख भूमिका निभा रही हैं, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
भारत की चुनौतियां और आगे की राह
हालांकि, भारत ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है, लेकिन अभी भी गरीबी, बेरोजगारी, पर्यावरणीय समस्याएं और सामाजिक असमानताएं जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं।
आने वाले समय में हमें:
- सतत विकास को प्राथमिकता देनी होगी, जिससे आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित हो सके।
- शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार करके मानव संसाधन को और मजबूत बनाना होगा।
- डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देकर युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने होंगे।
- समाज में समावेशिता और समानता बनाए रखने के लिए संवैधानिक मूल्यों का पालन करना होगा।
76वें गणतंत्र दिवस का यह शुभ अवसर हमें न केवल अतीत की उपलब्धियों को याद दिलाता है, बल्कि भविष्य के प्रति नई ऊर्जा और संकल्प का संचार भी करता है। हमें भारतीय संविधान के आदर्शों को आत्मसात करते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए।
आज का भारत, जहां युवा शक्ति, आधुनिकता और परंपरा का संगम है, वह सही मायनों में ‘नए भारत’ की परिकल्पना को साकार कर रहा है। गणतंत्र दिवस हमें प्रेरित करता है कि हम अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करें, संविधान के मूल्यों को सम्मान दें और एक सशक्त, समृद्ध एवं आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करें।