(रिपोर्ट सईद पठान)
संतकबीरनगर। पुलिस अधीक्षक सत्यजीत गुप्ता के निर्देशन में मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत चलाए जा रहे ‘साथ-साथ’ कार्यक्रम (टूटते परिवारों को जोड़ने की एक पहल) के तहत परिवार परामर्श केंद्र, महिला थाना में 09 फरवरी 2025 को विशेष सत्र आयोजित किया गया। इस दौरान थानाध्यक्ष श्रीमती पूनम मौर्या एवं नियुक्त सदस्य रिफातुल्लाह अंसारी की अध्यक्षता में कुल 13 पारिवारिक मामलों का निपटारा किया गया।
कार्यक्रम के दौरान पति-पत्नी, ससुराल और मायके पक्ष से जुड़े विवादों को आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास किया गया। सभी पक्षों को समझाने-बुझाने और परामर्श देने के बाद अंततः 13 परिवारों ने आपसी रज़ामंदी से सुलह कर ली और एक साथ खुशी-खुशी रहने के लिए तैयार हो गए।
सुलह समझौते के प्रमुख मामले:
- मोहम्मद अबरार (बस्ती) और इसरार (संतकबीरनगर) के बीच पारिवारिक विवाद को सुलझाकर दोनों पक्षों में सुलह कराई गई।
- उर्मिला देवी और दीवाकर (संतकबीरनगर) के मध्य आपसी सहमति से सुलह हुई।
- शब्बू और शमीम (संतकबीरनगर) ने अपने मतभेद खत्म कर एक साथ रहने का निर्णय लिया।
- निर्मला यादव (गोरखपुर) और रामनाथ (संतकबीरनगर) के पारिवारिक विवाद को बातचीत के माध्यम से हल किया गया।
- नीलम (संतकबीरनगर) और लालचंद (संतकबीरनगर) के बीच समझौता करवाया गया।
- सलीना खातून और फिरोज (संतकबीरनगर) ने आपसी रज़ामंदी से अपने मतभेद सुलझा लिए।
- शशि यादव (गोरखपुर) और राजमन (संतकबीरनगर) के मामले को सुलह कराकर निपटाया गया।
- अनीता और नित्यानंद (संतकबीरनगर) के पारिवारिक विवाद को हल किया गया।
- सरस्वती और सोनू (संतकबीरनगर) के बीच समझौता करवाया गया।
- चांदनी (संतकबीरनगर) और सुरजीत (गोरखपुर) के मामले में परामर्श के बाद सुलह हुई।
- पूजा और संदीप (संतकबीरनगर) ने आपसी सहमति से मतभेद खत्म किए।
- सुधा और दिलकेश (संतकबीरनगर) ने परिवार की भलाई के लिए समझौता किया।
- अंजना (कुशीनगर) और आशीष (संतकबीरनगर) ने सुलह के बाद साथ रहने का फैसला लिया।
परिवारों को मिला परामर्श:
परिवार परामर्श केंद्र की टीम ने सभी पक्षों को वैवाहिक जीवन में संयम, समझदारी और पारस्परिक सम्मान की आवश्यकता के बारे में बताया। समझौते से पूर्व दोनों पक्षों को कानूनी और सामाजिक दृष्टिकोण से समुचित जानकारी दी गई, जिससे वे आत्मनिर्णय लेने में सक्षम हो सके।
पुलिस अधीक्षक का बयान:
श्री सत्यजीत गुप्ता ने कहा कि ‘साथ-साथ’ कार्यक्रम का उद्देश्य पारिवारिक विवादों को कानूनी प्रक्रिया से पहले आपसी सहमति से सुलझाना है, जिससे परिवार टूटने से बच सकें और समाज में शांति बनी रहे।
इस सफल आयोजन से न केवल 13 परिवारों में आपसी सौहार्द स्थापित हुआ, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक संदेश मिला कि संवाद और समझौता किसी भी रिश्ते को टूटने से बचा सकता है।