(रिपोर्ट – विशेष संवाददाता मोनिका कश्यप)
महाराजगंज: निषाद पार्टी के प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद की आत्महत्या के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। परिवार और समर्थकों ने कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद और उनके परिवार को दोषी ठहराते हुए एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की है। इसी को लेकर अमरेंद्र निषाद के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीण धरने पर बैठ गए हैं और न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
फेसबुक पोस्ट में लगाए थे गंभीर आरोप
धर्मात्मा निषाद ने आत्महत्या से पहले अपनी फेसबुक आईडी पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने डॉ. संजय निषाद और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि उन पर झूठे मुकदमे दर्ज कर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, जिससे वह इस कदम को उठाने के लिए मजबूर हुए।
ग्रामीणों की मांग – दर्ज हो एफआईआर, मिले न्याय
धरना दे रहे ग्रामीणों और परिजनों का कहना है कि जब तक संजय निषाद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं होती, वे आंदोलन जारी रखेंगे। उनका स्पष्ट कहना है कि “धर्मात्मा निषाद की आत्मा को तभी शांति मिलेगी, जब संजय निषाद पर कार्रवाई होगी।”
क्या दर्ज होगी एफआईआर? पुलिस पर बढ़ा दबाव
अब सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी या नहीं? स्थानीय प्रशासन और पुलिस पर दबाव बढ़ता जा रहा है, क्योंकि मामला राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील हो गया है।
परिवार को मिलेगा न्याय या नहीं?
परिजनों ने निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है और कहा जा रहा है कि जल्द ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर अगली कार्रवाई तय की जाएगी।
अब देखना होगा कि परिवार को न्याय मिलेगा या नहीं, और क्या कैबिनेट मंत्री संजय निषाद पर कोई कानूनी कार्रवाई होगी? यह आने वाला समय बताएगा।