धनघटा-सन्त कबीर नगर।
धनघटा तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत झिंगुरापार के पुरवा रौजा में स्थित अनुदानित मदरसा मिस्बाहुल उलूम पर मदरसा बोर्ड से जारी समय सारणी कोई मायने नहीं रखती है।
उक्त मदरसे का संचालन पूर्व में प्रात:8 बजे से1बजे तक था।
लेकिन दिखावा करने के लिए 1अक्तूबर से बोर्ड के आदेशानुसार प्रात:9 बजे से 2 बजे तक मदरसे का संचालन तो हुआ लेकिन दो दिन बाद ही प्रधानाचार्य और तथाकथित प्रधानाचार्य के चहेते अध्यापक रणनीति बनाकर समय अपने निजी स्वार्थ के लिए बदल दिए हैं। 8.30बजे से 1.30बजे कर दिए हैं।
जो कि उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना है।
जबकि कार्यालय में पूर्व समय सारिणी ही चस्पा है।
ऐसा इसलिए कि मनमाचाहे ढंग से इन्हें मदरसा में उपस्थित होकर विभाग को गुमराह करना भी है। साथ ही साथ इन्हें प्रधानाचार्य को खुश कर मदरसे से गायब भी होना रहता है।
प्रतिदिन उक्त मदरसे के एक दो अध्यापक छुट्टी पर ही रहते हैं या दो घंटे उपस्थिति दर्ज कर चले जाते हैं। न तो चपरासी के आने का कोई समय निर्धारित है न ही अध्यापकों का।
यहां तक कि तीन -तीन, चार -चार दिन लगातार बिना जिला अल्पसंख्यक विभाग को सूचित किए गायब रहते हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि लगातार अनुपस्थिति पर बिना उच्चाधिकारियों को अवगत कराये ही जाना कोई शासनादेश जारी हो।
इस सम्बन्ध में मदरसा उपरोक्त के प्रबन्धक ने कहा कि जांच कर मनमानी करने वाले प्रधानाचार्य व मदरसा शिक्षकों पर विधिक कार्यवाही की संस्तुति उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
अनुदानित मदरसा में हो रही मनमानी पर, कार्यवाही करने के लिए प्रबंधक ने दी चेतावनी
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