उन्होंने बताया कि सर्वे में यह बात सामने आई थी कि महिलाओं और छात्राओं को पब्लिक ट्रांसपोर्ट गाड़ियों में सफर के दौरान भीड़ के चलते कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत यह कदम उठाया गया है।
असद ने बताया कि पिंक गाड़ियां सुबह आठ बजे से रात साढ़े आठ बजे तक चलेगी। आठ सीटों वाली छह गाड़ियां ओल्ड बस स्टैंड से मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) और एएच डिग्री कॉलेज, नए बस स्टैंड से जीएमसी और डिग्री कॉलेज और ओल्ड बस स्टैंड से खांडली इलाके तक चलेंगी। इन रूटों का चयन सर्वे के आधार पर किया गया है।
इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे पहली बार 11 अक्टूबर 2012 में मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र ने इसकी घोषणा की थी। इस दिन को डे ऑफ गर्ल्स या इंटरनेशनल डे ऑफ द गर्ल्स भी कहा जाता है। इस दिन को मनाए जाने का उद्देश्य लड़कियों के लिए समाज में समान अवसर मुहैया करवाने के साथ लिंगानुपात के संतुलन के लिए प्रयास करना भी है।