नई दिल्ली: अयोध्या मामले में *सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में 38वें दिन की सुनवाई* के दौरान मुस्लिम पक्षकारों के वकील *राजीव धवन* ने कोर्ट से कहा कि दिलचस्प बात यह है कि इस केस की सुनवाई के दौरान *सभी सवाल हमसे ही किये जाते हैं.* कभी *हिन्दू पक्ष से सवाल नहीं किया* जाता. धवन के इस बयान पर हिंदू पक्षकारों ने आपत्ति जताई. इसके साथ ही राजीव धवन ने कहा कि हमने 6 दिसंबर 1992 को ढांचा गिराए जाने के बाद अपनी मांग बदली और हमारी यही मांग है कि हमें *5 दिसंबर 1992 की स्थिति में जिस तरह का ढ़ांचा था उसी स्थिति में हमें मस्जिद सौंपी जाए.*
धवन ने कहा कि इस बात के *कोई सबूत नहीं दिए गए केंद्रीय गुंबद के नीचे ही राम का जन्म हुआ*. गुंबद के नीचे राम जन्म होने, श्रद्धालुओं के वहीं फूल प्रसाद चढ़ाने का कोई भी दावा सिद्ध नहीं किया गया. गुम्बद के नीचे तो ट्रेसपासिंग कर लोग घुस आए थे. जब वहां पूजा चल रही थी तो अंदर घुसने का मतलब क्या है? इसका मतलब पूजा बाहर ही हो रही थी. *कभी भी मन्दिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई.* वहां लगातार नमाज़ होती रही थी.
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