बस्ती ।
आदर्शग्राम अमोढा के लोनियपार की निवसिनी विधवा व 90वर्षीय माताजी को पेंशन व आवास जैसी सुविधा भले न मिली हो 300घरों के इस पुरवे के विकास हेतु दो दो मधुशाला है
कहा गया है न शंकर बडे न राम बडे जो पीकर गांव में आतंक का माहौल बनाते हैं भोली भाली महिलाओं पर छींटाकशी करते हैं जिससे महिलाओं को निकलना शाम के समय दूभर हो जाता है यही नहीं शराबी अपशब्द बोलते हुए छोटे बच्चों के ऊपर टीका टिप्पणी करते हैं जिससे गांव में कि महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं क्योंकि 2 शराब की दुकानों का विकास तो आदर्श ग्राम में हो गया लेकिन गांव में ना तो नाली बनाना सड़क बनी ना बिजली व्यवस्था की गई यहां तक गरीबों को न तो पेंशन है ना वृद्धा पेंशन है आवास शौचालय सब अधूरे पड़े हैं यह है सांसद आदर्श ग्राम की कहानी जिसको कई बार लोगों ने मामले को अवगत कराया लेकिन लोनिया पार ग्राम में शराब का विकास हुआ जहां 22 ठेके अंग्रेजी और देसी शराब बिकती है शाम को शराबी गांव का माहौल खराब करते हैं ।
महिलाओं से छेड़खानी भी करते हैं यही नहीं यह आदर्श ग्राम में कच्ची शराब भी बनाई जाती है जो छोटे शराबी हैं उनके लिए यह दुकान उचित है केंद्र और प्रदेश सरकार आदर्श ग्राम का विकास उनके जनपद के सांसद के विकास का अनोख उदाहरण शाम के समय शराबी अपने माहौल में पल जाते हैं और महिलाएं बाहर निकलना अपने आप को असुरक्षित महसूस करती हैं जिससे आम जनमानस भयभीत हो जाता है वाह रे आदर्श ग्राम की कहानी सुदामा की जुबानी पर वृद्धा को पेंशन ना मिलने के कारण अपनी जी का चलाना आसान नहीं है उसको 22 शराब की ठेकों का विकास सांसद जी महोदय कर दिए हैं लेकिन ना तो सड़क ना शौचालय ना आवाज गरीबों को मिलना मुश्किल हो गया है क्योंकि इनके पास अधिकारियों को देने के लिए 10 से ₹15000 नहीं है जिसके चलते आवास विहीन गुजारा कर रहे हैं घास फूस के मकान में जीवन व्यतीत कर रहे हैं ऐसे में आदर्श ग्राम की कहानी उजागर करती है विकास की पोल खोल में समाजसेवी चंद्रमणि पांडेसुदामा जी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अलख जगा रहे है ।