दर्द निवारक दवाओं के साथ ही एण्टीबायोटिक और स्टेरायड भी न दें
– संभावित मरीज को तुरन्त पहुंचाएं अस्पताल, कराएं पूरी जांच
संतकबीरनगर ।
अगर किसी मरीज के अन्दर डेंगू के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उसे पैरासीटामाल छोड़कर अन्य कोई दवा न दें। दर्द निवारक के साथ ही उसे कोई एण्टीबायोटिक और स्टेरायड भी न दें। डेंगू के हर रोगी को प्लेटलेट्स बढ़ाने की जरुरत नहीं होती है। इसलिए प्लेटलेट्स बढ़ाने में शीघ्रता न करें। उक्त बातें जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने कहा है।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ अंगद सिंह ने बताया कि किसी भी प्रकार का ज्वर हो तो तुरन्त ही अपने मरीज को निकटतम प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र या इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेण्ट सेण्टर या संयुक्त जिला चिकित्सालय पहुचाएं। डेंगू ज्वर एडीज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर साफ पानी में पैदा होता है, साथ ही दिन में काटता है। इसलिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े ही पहनना चाहिए। उन्होने यह भी कहा कि जिले में जितने भी प्राइवेट पैथलॉजी लैब संचालक हैं उनके यहां भी अगर किसी के अन्दर डेंगू ज्वर की संभावना दिखाई देती है तो तुरन्त ही इस बात की जानकारी जिला अस्पताल, सीएमओ कार्यालय या फिर नजदीकी सरकारी अस्पताल के प्रभारी को दें। ताकि उसका समय से उपचार हो सके तथा उसकी जान बचाने के साथ ही उसके संक्रमण को रोका जा सके।
सर्विलांस पर भी दिया जोर
सहायक मलेरिया अधिकारी सुनील चौधरी ने डेंगू के वाहक एडीज मच्छर पैदा न हों, इस बात पर अधिक जोर दिया। यह बताया कि मलेरिया विभाग से जुड़ी टीमें जिले में घूमेंगी तथा सरकारी कार्यालयों, दूकानों तथा लोगों के घरों जहां पर साफ पानी जमा होने तथा मच्छर पैदा होने की संभावना है, वहां पर लार्वा की चेकिंग करेंगी। लार्वा मिलने पर पहली बार नोटिस और दूसरी बार जुर्माने का प्रावधान है। लोगों को इस बात के लिए जागरुक भी करेंगी कि वे अपने घरों, टीबी और फ्रिजों तथा अन्य स्थानों पर साफ पानी न जमा होने दें।
ये होते हैं डेंगू ज्वर के लक्षण
डेंगू के मरीज को तीब्र ज्वर होता है। यह ज्वर 102 से 104 फारेनहाईट तक जा सकता है। मसूड़ों से खून आने लगता है। आखों की कटोरियों में काफी दर्द होता है। मांसपेशियों में भी दर्द होता है। साथ ही साथ शरीर में बेचैनी होती रहती है।
जिले में उपलब्ध हैं यह सुविधाएं
जिले में हर ब्लाक लेबल पर डेंगू के रैपिड जांच की सुविधा के साथ ही इलाज की भी सुविधा है। वहां से मरीज के रक्त के सीरम को जांच के लिए सेण्टीनल लैब भेजने की भी सुविधा है । वहीं जिला अस्पताल पर डेंगू वार्ड के साथ ही सेण्टीनल लैब की सुविधा है जहां पर मरीज के रक्त का एलाइजा टेस्ट करके डेंगू कन्फर्म किया जा सके।
डेंगू के आए इतने मरीज
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह बताते हैं कि डेंगू ज्वर को लेकर जिले में वर्ष 2015 में 3, वर्ष 2016 में 19, वर्ष 2017 में 8, वर्ष 2018 में 6 तथा वर्ष 2019 में अब तक 6 मरीज सामने आए हैं। इन छ: मरीजों में 3 एईएस श्रेणी के हैं। इसमें से 1 की मृत्यु हुई है। उक्त मरीज का इलाज जिले में नहीं हुआ।