अनिल शुक्ला की रिपोर्ट :
बस्ती ।
शिक्षा चिकित्सा के साथ साथ गांव गरीब किसान की दशा भी बदहाल है किसानों को कृषि लागत का डेढ गुना देने की बात करने वाली योगी मोदी सरकार महज लाभकारी योजनाएं घोषित कर रही हैं कोई भी जोजना धरातल पर नहीं सफल नहीं है जहां एक तरफ किसानों का गन्ना मूल्य मिलों में लम्बित है वहीं मिल चालू होने के बाद नये सत्र का गन्ना मूल्य वृद्धि तय नहीं हो सका है किसान सम्माननिधि तो दूर वृद्ध विधवा विकलांग पेंशन बंद है गेंहूं की बुवाई सर पर है न तो धान का मूल्य लागत अनुरूप घोषित हुआ न ही समय से खाते में पैसा आ रहा है फलताः किसान परेशान है उपर से उसकी सरसो मटर आदि फसलों को जंगली छुट्टा जानवर बर्बाद कर रहे हैं लगातार चार वर्षों से समय समय पर निरन्तर मांग के क्रम में आश्वासन तो मिलता है पर हजारों एकड कृषि भूमि से निर्मित सरयु नहर में पानी आता ही नहीं बीते 8नवम्बर को दिये ग्यापन के क्रम में जिलाधिकारी बस्ती का आश्वासन व आश्वासन के क्रम में समस्या निस्तारण कर आख्या पन्द्रह दिनों में देने का निर्देश हवा हवाई सिद्ध हो रहा है कहीं कोई कार्य होता दिख नहि रहा है शिकायत सरकारी संस्था प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र काशीपुर का किया गया कार्यवाही निजी संस्थानों पर चल रहा है वास्तव में धरती के भगवान किसान नौजवान के हित में सरकार की घोषणायें महज उसकी भावना से खिलवाड़ है जो कि दुःखद है ये बातें समाज सेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामाजी ने आज क्षेत्र के हतवा भिरवा हरदिया रेवरादास सहित दर्जनों गांवों के किसानों द्वारा बताई गई समस्याओं से अवगत कराये जाने के उपरांत कहीं इस दौरान चिंताराम बर्मा, सियाराम बर्मा,मंदीप बर्मा, रमेश बर्मा, रामधीरज चौधरी, चन्द्रप्रकाश तिवारी, विवेक पाण्डेय व गुडिया, सरोज,श्यामकली,राजदेई,शुभावती सहित दो दर्जन से अधिक समर्थक व स्थानीय किसान मौजूद रहे