बस्ती । मनरेगा में तकनीकी, वित्तीय, प्रशासनिक स्वीकृति तथा बिना जारी मस्टर रोल के आधार पर कार्य कराना ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव तथा तकनीकी सहायक को भारी पड़ा। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने इन तीनों को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए कार्य को श्रमदान घोषित कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि सल्टौआ ब्लाक के ग्राम पंचायत आमा प्रथम के राजस्व गाॅव परसाझुगिया में लल्लन के बाग से मूडा ताल तक चकमार्ग का पटाई कार्य किए जाने की शिकायत जिलाधिकारी को तहसील दिवस भानपुर में प्राप्त हुयी। उन्होने उपायुक्त मनरेगा तथा परियोजना निदेशक डीआरडीए को मौके पर जाॅच हेतु भेजा। जाॅच के समय प्रधानप्रति रंगी लाल गुप्ता, प्रभारी सहायक विकास अधिकारी पंचायत तथा ग्राम सचिव एवं तकनीकी सहायक तथा शिकायत कर्ता उपस्थित रहे।
दोनो अधिकारियों द्वारा दी गयी रिपोर्ट के अनुसार मौके पर कार्य करते हुए 19 श्रमिक पाये गये, जो निकट के गाॅव कोठली के थे। परसा में कुल 253 जाब कार्ड धारक है। प्रधानपति द्वारा बताया गया कि उनके गाॅव के जाॅब कार्ड धारक कार्य करने के इच्छुक नही थे, इसलिए बंगल के गाॅव से मजदूर बुलाये गये।
अधिकारियों ने जाॅच में पाया कि इस कार्य का इस्टिमेट तकनीकी सहायक द्वारा बनाया गया, जिसकी लागत रू0 368032 है परन्तु इस कार्य की तकनीकी , वित्तीय, प्रशासनिक स्वीकृति नही ली गयी है। इस योजना पर मनरेगा द्वारा कोई मस्टर रोल निर्गत नही हुआ है और न ही श्रमिको के कार्य की मांग का प्रेषण ब्लाक को किया गया है। जाॅच के समय 910 मीटर के सापेक्ष 800 मीटर चकरोट का कार्य पूरा कर लिया गया है। बिना अनुमति के कार्य कराने को गम्भीर अनियमितता मानते हुए जिलाधिकारी ने इस कार्य को श्रमदान घोषित कर दिया है तथा ग्राम प्रधान, ग्रामसचिव, तकनीकी सहायक उपस्थित रहे ।
ग्राम प्रधान ग्राम सचिव रोजगार सेवक को, कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए, डीएम ने सीडीओ को दिया निर्देश
Advertisement