बस्ती ।
समाजसेवी चन्द्रमणि पांडे सुदामाजी ने आज एक बार पुनः सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए कहा कि एक तरफ शासन-प्रशासन अप्रशिक्षित लोगों से इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत टीकाकरण कराने का काम कर रहा है जिससे कहीं-कहीं बच्चों के बीमार होने की भी सूचना मिल रही है दूसरी तरफ इनके स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर तो दूर कर्मचारी भी नहीं दिखाई देते हैं ऐसे में सरकार के अधिकारियों द्वारा ग्रामीण स्वास्थ्य सेवकों/ झोलाछाप डॉक्टरों पर की जा रही दमनात्मक कार्रवाई कितना उचित है ।
ज्ञात हो कि जनपद के ही बनकटी ब्लाक के एकमा गांव के एक बच्चे को वहां की आशा बहुओं व अन्य कर्मचारियों द्वारा इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत टीका लगाया गया था जिससे बच्चा पिछले 48 घंटे से वेहोशी की हालत में है दवा के लिए बच्चे के पिता स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो वहां पर डॉक्टर तो दूर कर्मचारी भी नहीं दिखे यह किसी एक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति नहीं जनपद में ऐसे दर्जनों स्वास्थ्य केंद्रों का यही हाल है या तो पर्याप्त चिकित्सक नहीं है या हैं भी तो वो उपलब्ध नहीं रहते वास्तव में जनसंख्या के सापेक्ष ना तो सरकार के पास शिक्षक हैं ना चिकित्सक ऊपर से अपने संस्थानों को दुरुस्त करने के बजाय धन उगाही हेतु प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दमनात्मक कार्रवाई की जाती है जबकि चिकत्सालयों से रिफर किये गये मरीज को सुई दवाई घर पर स्थानीय डाक्टर ही देते हैं ऐसे में सरकार इन्हे प्रशिक्षित करे न कि प्रताड़ित इस मौके पर ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक ऐशोसिएशन के अध्यक्ष डा.प्रेम त्रिपाठी के साथ साथ दर्जनों ग्रामीण चिकित्सक मौजूद रहे ।