धनघटा-सन्त कबीर नगर।
शासन द्वारा संचालित मनरेगा योजना ग्राम प्रधान के ड्योढ़ी की गुलाम बन जाये तो पूरा घर और खानदान मालामाल नजर आने लगता है। कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों नाथनगर ब्लाक क्षेत्र के ग्राम मड़हाराजा मे देखने को मिला रहा है। एक तरफ गांव का वास्तविक मनरेगा मजदूर काम की तलाश मे भटकने को विवश है वहीं दूसरी तरफ महिला प्रधान बिना काम किये ही अपने पति, देवर, पुत्रों, पुत्रवधुओं और खानदान की पर्दानसीन दूल्हनों को भी मनरेगा का मजदूर बना उनके खातों मे धड़ल्ले से सरकारी धन भेज कर मलाई काटने मे जुटी हैं। धड़ल्ले से संचालित हो रहे भ्रष्टाचार के इस बड़े खेल को स्थानीय जिम्मेदार पर्यवेक्षणीय अधिकारी संरक्षण देने मे जुटे हुए हैं। मामले की यदि निष्पक्ष जांच करा ली जाए तो ग्राम पंचायत मे इस योजना मे लाखों के सरकारी धन के बंदरबाट का खुलाशा हो जाएगा। जी हां ग्राम मड़हाराजा की ग्राम प्रधान द्वारा अपने पति वसीउल्लाह पुत्र वली मोहम्मद, मजीबुल्लाह पुत्र वली मुहम्मद, अब्दुस्समद पुत्र वसीउल्लाह ,हुमा परवीन पुत्र वधू प्रधान साजिदा खातून,नसीम पुत्र साजिदा खातून प्रधान , एजाज पुत्र गुलाम हुसैन जोकि मुम्बई हैं,इसके अलावा चहेते और प्रधान पक्षीय एक ही परिवार के मुहीब पुत्र दीन मुहम्मद, मुबीना पत्नी मुहीब,सकीना पत्नी अनीस,अनीस पुत्र मुहीब ,दूसरे परिवार के अज़ीज़ पुत्र दीन मुहम्मद,सबरून्निसा पत्नी सेराज अहमद,सन्जीदा पत्नी अतहर,तकरीबुन्निसा पत्नी अब्दुर्रहमान , इरशाद पुत्र रफीक , सकीना पत्नी इरशाद,कइमा पत्नी दस्तगीर,पूनम यादव पत्नी पड़ोसी,हकीकुल्लाह पुत्र अली रजा,अख्तरून्निसा पत्नी अली रजा, धर्म राज पुत्र राम आसरे मुम्बई में हैं, फिर भी यूपी में कर रहे हैं मनरेगा मजदूरी।
पल्टू पुत्र चौथी आदि चहेते लोग बिना काम किए ही मनरेगा के लाखों की रकम को बिना किसी डर भय के डकार गए हैं।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कोई प्रधान अपने पति,बेटे , पुत्र वधू से मनरेगा के अंतर्गत काम करवायेगा?
जैसाकि ग्राम प्रधान मड़हा राजा ने रकम हड़पने के लिए अधिकारियों को गुमराह की हैं।
सम्भव तो है, लेकिन करना कठिन है।
इस प्रकार की घिनावनी और ओछी सोंच रखने वाले व्यक्ति को गांव का मुखिया बनाना दुर्भाग्य है।
अधिकारियों का भी इस महाभ्रष्ट प्रधान के खिलाफ कार्रवाई न करना , प्रधान के रसूख का सच्चा सुबूत दे रहा है।
इस तरह के फर्जी मजदूरों को मनरेगा मजदूरी भुगतान कराने में शामिल दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों को दण्डित किया जाना जनहित और न्याय हित में होगा।
बीते दो दिनों पूर्व गुपचुप ढंग से बिना डुग्गी मुनादी के आडिट भी अपने गांव पर करा लिए।
जोकि नियम विरुद्ध और गैर कानूनी भी है।
आडिट प्रभारी श्री देवेन्द्र तिवारी ने भी बताया कि ग्राम पंचायत मड़हा राजा में मनरेगा मजदूरी में धांधली की गई है।
जिसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप कर धन की वसूली कराते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।
आखिर गांव की जनता के हित को ख्याल न करते हुए आडिट अपनी मर्जी से अपने निवास गांव में ही क्यों की गई।
अपने आप में एक बड़ा सवाल है।
जिलाधिकारी महोदय मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी ठगी करने वाले मजदूरों का प्रमाणीकरण कराते हुए हड़पी गई रकम की वसूली करावें,एवम् दोषी सभी के विरूद्ध 419,420के तहत मुकदमा दर्ज कराते हुए कानून की मिसाल पेश करें।
काम न मिलने से मनरेगा मज़दूर पस्त,,प्रधान परिवार मनरेगा मलाई काटने में मस्त-अरशद अली की रिपोर्ट
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