दिल्ली ।
देशभर में नए नागरिकता कानून की जो प्रतिक्रिया हुई है उसे लेकर सरकार भी सकते में नजर आ रही है. सरकार के मंत्रियों के बयान देखकर लगता है कि उनके लिए देशभर में इसके खिलाफ हो रही हिंसा अप्रत्याशित है. माना जा रहा है कि सरकार स्थिति का आकलन करने में चूक गई क्योंकि कानून पास होने के बाद जब देश के कई हिस्सों से हिंसा की खबरें आईं तब जाकर उसकी ओर से कानून पर उठ रहे सवालों के जवाब का विज्ञापन किया गया. सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि सीएए से ज्यादा सवाल एनआरसी को लेकर उठ रहे हैं.
असल गुस्सा भी एनआरसी को लेकर है लेकिन सरकार के पास उनका कोई जवाब नहीं है. सरकार बस भविष्य में नियम बनाने की बात कह रही है जो पहले से ही आशंकित मुस्लिमों के संदेह को और बढ़ाने का काम कर रही है. माना जा रहा है कि अगर सीएए के साथ ही सरकार एनआरसी के नियम भी पब्लिक के सामने ले आती तो कन्फ्यूजन का माहौल दूर होता और आंदोलनकारियों को ज्यादा बेहतर ढंग से समझाया जा सकता था.
साभार aajtak