नई दिल्ली ।
मोदी सरकार भले ही कह रही हो कि नागरिकता संशोधन एक्ट का देश के नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है और उनको इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. लेकिन जनता में इस बात का डर है कि नागरिकता संशोधन एक्ट, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन का ही हिस्सा है. साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि देश के सभी लोगों की अपनी नागरिकता साबित करनी होगी, जिसमें उनकी पुरानी पीढ़ियों की जानकारी, सभी कागजात सरकार को दिखाने होंगे.
कहा ये भी जा रहा है कि ये एक्ट मुस्लिम विरोधी है क्योंकि जो गैर-मुस्लिम NRC में खुद की नागरिकता साबित नहीं कर पाएंगे उन्हें CAA के तहत नागरिकता मिल जाएगी. लेकिन अगर कोई मुस्लिम खुद की नागरिकता साबित नहीं कर पाएगा, तो उसके साथ घुसपैठियों जैसा व्यवहार किया जा सकता है. जनता के बीच फैले इस कन्फ्यूजन को दूर करने की कोशिशें सरकार की ओर से की जा रही हैं. लेकिन मौजूदा तनाव को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि ये सफल नहीं हो रही हैं.
साभार aajtak