संतकबीरनगर ।
एनीमिया की रोकथाम में धर्मगुरुओं की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। लोग अपने धर्मगुरु के द्वारा कही गई बातों को पत्थर की लकीर मानते हैं, इसलिए उसका अनुपालन भी करते हैं। इसलिए जरुरी है कि एक स्वच्छ व स्वस्थ भारत के निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन करते रहें। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं व बच्चे एनीमिया से ग्रस्त हैं। इसलिए आवश्यक यह है कि स्वच्छ पानी के साथ आयरन की गोली लेते रहें।
यह बातें सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह तथा एनीमिया मुक्त भारत अभियान के नोडल अधिकारी एसीएमओ आरसीएच डॉ मोहन झा की अध्यक्षता में एनीमिया मुक्त भारत अभियान की बैठक के दौरान धर्मगुरुओ की संवेदीकरण कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों के द्वारा कही गईं। इस दौरान उन्हें यह बताया गया कि वर्ष में दो बार कृमि नाशक दवा लना अनिवार्य है। 1 से 19 वर्ष के बच्चों को यह गोली स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दी जाती है। भोजन में आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे हरी सब्जियां, अंकुरित दाल, बाजरा, गुड़, चना, तिल आदि लेने के साथ ही विटामिन सी की प्रचुरता वाले खाद्य पदार्थ जैसे नीबू, आंवला, अमरुद आदि जरुर लें। साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें तथा बच्चों को नंगे पैर ना रखें। ताकि ऐसे पदार्थ जो एनीमिया के लिए कारक बनते हैं वे न पैदा हों। इस दौरान यूनीसेफ के बेलाल अनवर के साथ ही किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम जिला समन्वयक दीनदयाल वर्मा तथा अन्य लोग मौजूद रहे।
इस अवसर पर वजीहुद्दीन कादरी, मु शहजाद, मुफ्ती मोहम्मद अफरोज कासमी, मोहम्मद मोबीन, मो याकूब खां, मो शमीम, सरवर अली कादरी, ताहिर हुसैन, शम्सुद्दीन अहमद नूरी समेत अन्य धर्मगुरु मौके पर उपस्थित रहे।
धर्मगुरुओं की कार्यक्रम में है यह भूमिका
- जुमा की नमाज व विभिन्न तकरीरों में एनीमिया के कारण औ इससे होने वाले नुसान तथा इससे बचावे के उपायों के बारे में समय समय पर अपने समाज के लोगों को समय – समय पर बताते रहें।
- स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई आईईसी एवं प्रशिक्षण सामग्रियों को अपने सामुदायिक बैठकों में वितरित और प्रचारित करते रहें, साथ ही साथ स्वास्थ्य कर्मियों की मदद लेते और करते रहें।
- एनीमिया के प्रति अपने समुदाय में फैली भ्रान्तियों को दूर करने के लिए यथासंभव बैठकों का आयोजन करें और सरकार द्वारा प्रदान की गई प्रशिक्षण व वितरण सामग्रियों का निरन्तर सदुपयोग करें।
- अपने धार्मिक संस्थनों से होने वाले ऐलानों में एनीमिया की रोकथाम से सम्बन्धित बातें अपने समाज के लोगों को समय समय पर बताते रहें ताकि एनीमिया को जड़ से समाप्त किया जा सके।