बुज़ुर्ग इस ठण्ड को न करें नजरअंदाज, वर्ना.....
लकवा और हृदय रोग का बना रहता है खतरा
- ठण्ड को न करें नजरंदाज, करें बचाव
संतकबीरनगर ।
लगातार गिर रहे तापमान के चलते बुजुर्गों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ठण्ड के मौसम में गर्मी और बरसात की अपेक्षा बुजुर्ग अधिक बीमार पड़ते हैं। वातावरण में बढ़ते हुए धुन्ध और कोहरे के चलते उन्हें सांस लेने में भी काफी परेशानी होती है। इस दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ ही त्वचा रोग भी बढ़ जाते हैं। लेकिन जो सबसे खास समस्या है वह है लकवा तथा हृदयाघात। इसलिए ठण्ड में बुजुर्गों का विशेष ध्यान देने की जरुरत है।
जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक व फिजीशियन डॉ ओ. पी. चतुर्वेदी बताते हैं कि अधिक सर्दी होने की वजह से हमारा रक्त गाढ़ा होने लगता है और नाडि़यों में संकुचन बढ़ने लगता है। संकुचन की वजह से हृदय को शरीर में रक्त पहुंचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस वजह से रक्त में दबाव बढ़ता है तथा हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। सर्दी में उम्रदराज लोगों को हार्ट अटैक की आशंका सबसे अधिक होती है। इसके अलावा इस मौसम में लकवे की संभावना भी बढ़ जाती है। जिन लोगों को लकवा या हृदयाघात हो चुका है वे अधिक सावधान रहें, रक्त का प्रवाह असंतुलित होने से हृदय की तकलीफ बढ़ सकती है। इसलिए जब मौसम अधिक ठण्डा हो तो घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए।
सूरज निकलने से पहले बाहर न निकलें
बुजुर्गों को इस मौस में टहलने और घूमने के लिए सुबह ही घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। जब सूरज निकलता है तब घर से बाहर निकलना चाहिए। जिसे सांस लेने में दिक्क्त हो रही है वह मास्क पहनकर निकले । कोई लापरवाही नहीं करना चाहिए।
त्वचा का रखें विशेष ध्यान
बुजुर्ग, बच्चों या वयस्कों को सर्दियों में अपनी त्वचा का विशेष खयाल रखना चाहिए। यही वह मौसम होता है जब शरीर से पसीना आना बन्द हो जाता है, इससे त्वचा में खिंचाव बढ़ जाता है और त्वचा फटनी शुरु हो जाती है। साबुन का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए।
भोजन पर दें ध्यान, शरीर रखें गतिशील
इस मौसम में बुजुर्गो की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इसलिए उन्हें अपने खान पान का विशेष खयाल रखना चाहिए। ऐसी सब्जियां खाएं जो उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं।
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