(Report and Edit by- Mohammad Sayeed)
संतकबीरनगर। न्याय की राह भले ही लंबी और कठिन होती है, लेकिन दृढ़ संकल्प और सशक्त पैरवी के बल पर न्यायालय ने आखिरकार एक जघन्य हत्या के अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया। यह सफलता पुलिस अधीक्षक संतकबीरनगर संदीप कुमार मीना के निर्देशन में चलाए जा रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान का एक सशक्त उदाहरण बन गई है।
मामले की पृष्ठभूमि
दिनांक 10 अक्टूबर 2016 की शाम जनपद के खलीलाबाद थाना क्षेत्र में उस समय सनसनी फैल गई जब प्रॉपर्टी डीलर शैलेन्द्र यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। शैलेन्द्र यादव ओम बस सर्विस के कार्यालय में बैठे थे कि तभी मोटरसाइकिल से आए दो बदमाशों में से एक ने उन पर फायरिंग कर दी। गंभीर रूप से घायल शैलेन्द्र को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस हत्याकांड ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया और परिवार गहरे सदमे में चला गया।
पुलिस की सक्रियता और विवेचना
घटना के बाद पीड़ित पक्ष द्वारा दर्ज कराई गई तहरीर पर थाना कोतवाली खलीलाबाद पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज किया। विवेचक निरीक्षक कमला यादव ने बारीकी से साक्ष्य जुटाते हुए पूरे मामले का खुलासा किया और आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया। पुलिस और अभियोजन की सशक्त पैरवी ने इस मुकदमे को अंजाम तक पहुँचाया।
न्यायालय का निर्णय
माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतकबीरनगर, श्री मोहनलाल विश्वकर्मा ने विस्तृत सुनवाई के बाद अभियुक्त अखिलेश सिंह पुत्र शिवप्रसाद सिंह निवासी टिकरिया, थाना सहजनवा, जनपद गोरखपुर को दोषी करार देते हुए धारा 302/34 भादवि के तहत सश्रम आजीवन कारावास एवं ₹50,000 का अर्थदंड दिया। अर्थदंड न चुकाने पर अभियुक्त को तीन माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
विश्लेषणात्मक पहलू
यह फैसला न केवल पीड़ित परिवार के लिए न्याय का संदेश है बल्कि समाज के लिए भी यह चेतावनी है कि अपराध कितना भी संगीन हो, पुलिस और न्यायालय के समन्वित प्रयासों से दोषियों को सजा अवश्य मिलती है। “ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत चल रही यह कार्रवाई यह भी दर्शाती है कि अपराधियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए संतकबीरनगर पुलिस कितनी गंभीर और प्रतिबद्ध है।
यह सजा उन सभी परिवारों के लिए आशा की किरण है जो वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। न्यायिक प्रक्रिया में समय अवश्य लगता है, लेकिन यह निर्णय यह साबित करता है कि न्याय अंततः मिलता है और अपराधियों का कानून से बच निकलना असंभव है।
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