IPS अधिकारी के घर में चोरी: राजधानी लखनऊ की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
ब्यूरो रिपोर्ट लखनऊ। राजधानी लखनऊ के विकासनगर क्षेत्र में बुधवार (23 सितंबर) की रात एक बड़ी चोरी की वारदात ने सनसनी फैला दी। चोरी का शिकार बने घर के मालिक कोई आम व्यक्ति नहीं बल्कि माफिया मुख्तार अंसारी पर शिकंजा कसने वाले कड़े फैसलों के लिए चर्चित आईपीएस अधिकारी यमुना प्रसाद हैं। वर्तमान में वह नोएडा में डीसीपी के पद पर तैनात हैं और परिवार सहित वहीं रहते हैं।
कैसे हुई वारदात?
सूत्रों के अनुसार, चोरों ने घर की खिड़की की ग्रिल काटकर प्रवेश किया। भीतर प्रवेश करने के बाद उन्होंने अलमारियां तोड़ डालीं और घर का सामान अस्त-व्यस्त कर दिया। चोरी का पता तब चला जब बिजली विभाग के कर्मचारी घर पहुंचे और रिश्तेदार असित सिद्धार्थ ने घर का ताला खोला। भीतर का दृश्य देखकर सबके होश उड़ गए।
क्या-क्या चोरी हुआ?
असित सिद्धार्थ द्वारा दी गई तहरीर में चोरी हुए सामान का विवरण दर्ज है
₹50,000 नकद
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3 कलाई घड़ियां और 2 दीवार घड़ियां
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10 चांदी के सिक्के
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2 चांदी के गिलास और 2 कटोरी
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गिफ्ट आइटम
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और हैरानी की बात, करीब 20 टोटियां भी चोर उखाड़ ले गए।
कौन देखता था घर?
मकान की देखरेख असित सिद्धार्थ करते हैं। पहले घर में एक केयरटेकर तैनात था, जिसे कुछ महीने पहले हटा दिया गया था। चोरी की सूचना पुलिस को सबसे पहले उन्होंने ही दी।
IPS यमुना प्रसाद और मुख्तार अंसारी केस
यमुना प्रसाद वही अधिकारी हैं जिन्होंने माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे।
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उन्होंने पंजाब में मुख्तार अंसारी की लग्जरी एम्बुलेंस के फर्जी रजिस्ट्रेशन मामले में मुकदमा दर्ज कराया था।
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यही केस मुख्तार को पंजाब से यूपी लाने की प्रक्रिया का बड़ा आधार बना।
इस पृष्ठभूमि के चलते चोरी की यह घटना और भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
पुलिस की कार्रवाई
थाना विकासनगर प्रभारी आलोक सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है और संदिग्धों की तलाश तेज कर दी गई है। पुलिस ने जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है।
विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण
यह घटना केवल एक चोरी भर नहीं है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था और शहरी क्षेत्रों में बढ़ते आपराधिक दुस्साहस पर सवाल भी खड़े करती है। आईपीएस अधिकारी जैसे वरिष्ठ अफसर के घर को निशाना बनाए जाने से यह स्पष्ट है कि अपराधियों में कानून का भय कम हो रहा है। साथ ही, इस घटना ने यह भी दिखाया कि चाहे पुलिस अधिकारी हों या आम नागरिक—अपराध से सुरक्षित रहना सभी के लिए चुनौती बना हुआ है।
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