हौसले को सलाम: डॉ. नीरजा गोयल ने एडवेंचर की दुनिया में रचा इतिहास, शिवपुरी में 109 मीटर ऊँचाई से की बंजी जंप
(Report- Mohammad Sayeed Pathan)
ऋषिकेश/शिवपुरी। पैरा इंटरनेशनल बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में अपनी प्रतिभा का परचम लहराने वाली डॉ. नीरजा गोयल ने अब रोमांच और साहस के क्षेत्र में नया इतिहास रच दिया है। उन्होंने शिवपुरी स्प्लैश बंजी जंपिंग में 109 मीटर की ऊँचाई से जंप कर अद्भुत साहस का प्रदर्शन किया। इस अविश्वसनीय उपलब्धि के साथ, वह न केवल एडवेंचर स्पोर्ट्स में चर्चा का केंद्र बनीं, बल्कि प्रेरणा की मिसाल भी बनी हैं ।
नई ऊँचाइयों को छूता हौसला
डॉ. नीरजा ने बताया कि उन्होंने यह जंप अपनी सीमाओं को तोड़ने और ‘डर पर विजय’ पाने के उद्देश्य से किया। बंजी जंपिंग के बाद वे 12,000 फीट की ऊँचाई से पैराग्लाइडिंग भी कर चुकी हैं। इससे पहले उन्होंने पैरा सीलिंग, जेट राइडिंग और स्विमिंग (75 फीट) जैसे साहसिक कारनामे भी किए हैं। उन्होंने कहा, “एडवेंचर्स जीवन को नए दृष्टिकोण से देखने का अवसर देते हैं और मन में असंभव को संभव करने का आत्मविश्वास जगाते हैं।”खेल और साहस दोनों की नायिकाखेल जगत में डॉ. नीरजा पहले से ही एक प्रतिष्ठित नाम हैं—वे पैरा इंटरनेशनल बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप (जापान) में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं, नेशनल सिटिंग वॉलीबॉल मेडलिस्ट रह चुकी हैं, और राज्य स्तरीय मैराथन एवं दौड़ प्रतियोगिताओं में कई मेडल जीत चुकी हैं ।
उन्होंने 10 किमी दौड़ पाँच बार और 20 किमी दौड़ बीस बार पूरी करने की उपलब्धि हासिल की है। सम्मान और गौरवअपनी प्रेरणादायक यात्रा के लिए डॉ. नीरजा को अब तक 500 से अधिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें उत्तराखंड महिला आयोग अवार्ड, राज्य खेल पुरस्कार, इंटरनेशनल रत्न अवार्ड, तिल्लू रतौली पुरस्कार, और डॉक्टरेट अवार्ड जैसी कई प्रतिष्ठित उपाधियाँ भी दी गई हैं।विश्लेषणात्मक दृष्टिकोणडॉ. नीरजा गोयल सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि उन महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं जो जीवन में सीमाओं से परे जाकर कुछ बड़ा करने का सपना देखती हैं। उनके साहसिक कदम यह संदेश देते हैं कि शारीरिक सीमाएँ कभी भी आत्मबल और मनोबल को नहीं रोक सकतीं। चाहे खेल का मैदान हो या एडवेंचर की ऊँचाई, नीरजा गोयल जैसी हस्तियाँ समाज में नई ऊर्जा और सकारात्मक सोच का संचार कर रही हैं।उनका यह संदेश हर युवा के लिए प्रेरणा है—
“डर पर विजय ही जीवन की सबसे बड़ी जीत है।”

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