सपा कार्यालय में नोटबंदी के विरोध में आयोजित कार्यक्रम में सपा अध्यक्ष ने मायावती का जताया आभार
लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी माह में मायावती ने सुप्रीम कोर्ट में केस वापस लेने की अर्जी
लखनऊ. 24 साल पहले हुए चर्चित गेस्ट हाउस कांड में बसपा प्रमुख मायावती ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ केस वापस लेने का निर्णय लिया है। जानकारी के मुताबिक, केस वापसी की नींव लोकसभा चुनाव से पहले हुए सपा-बसपा के बीच गठबंधन के दौरान पड़ी थी। बसपा प्रमुख ने फरवरी माह में ही सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर केस वापसी की अपील की थी। तब मायावती ने अखिलेश के साथ प्रेस कांफ्रेंस में गेस्ट हाउस कांड का चार बार जिक्र किया था। कहा था किजनता की भलाई व देशहित में गेस्ट हाउस कांड को भुलाकर सपा के साथ गठबंधन किया गया है।
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा नेकेस वापसी की खबर की पुष्टि की है। कहा कि, पार्टी प्रमुख मायावती ने सुप्रीम कोर्ट में मामले को वापस लेने के लिए एक अर्जी दी थी। वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में नोटबंदी के तीन साल पूरे होने पर मोदी सरकार के विरोध में आयोजित कांफ्रेंस में बसपा प्रमुख मायावती का आभार जताया। कहा कि, बसपा को धन्यवाद जो गेस्ट हाउस कांड मेंमुलायम जी का नाम वापस लिया।
गेस्ट हाउस कांड?
2 जून 1995 में लखनऊ केमीराबाई गेस्ट हाउस में कांशीराम ने मुलायम सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। मायावती, विधायकों के साथ गेस्ट हाउस में थीं। अचानक समाजवादी पार्टी समर्थक गेस्ट हाउस में घुस आए। समर्थकों ने मायावती से अभद्रता की, अपशब्द कहे। उनकी जान लेने की कोशिश की गई। खुद को बचाने के लिए मायावती कमरे में बंद हो गईं। इस घटना को गेस्ट हाउस कांड कहा जाता है।
साभार दैनिक भास्कर