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निजी चिकित्सा संस्था बंद कराने के बजाय अपनी व्यवस्था सुधारे सरकार-सुदामा जी

बस्ती ।
निजी शिक्षण संस्थानों व चिकित्सा केंद्रों को बंद कराने के बजाए सरकार अपने विद्यालयों व चिकितसालयों की दशा सुधारे यह बातें आज समाजसेवी चंद्रमणि पांडे ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर प्रेम त्रिपाठी से भेंट के दौरान कहीं श्री त्रिपाठी आज हर्रैया सीएमएस इंटर कॉलेज पर समाजसेवी चंद्रमणि पांडे से मिले और वर्तमान में निजी चिकित्सालयों पर सरकार के दनात्मक नीतियों के विरोध में आगे आने की अपील करते हुए श्री पांडे को एक पत्र देकर बताया कि हमारी संस्था विगत 5 वर्षों से केंद्र व प्रदेश सरकार व उनके स्वास्थ्य मंत्रियों को पत्र लिखकर यह मांग कर चुकी है की जिस तरह अल्प प्रशिक्षण के उपरांत आशा बहू प्रसव जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य कार्य में सहभाग कर रही हैं तथा प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सरकार लेखपालों को प्रशिक्षण देने की रणनीति बना रही है उसी तरीके से दशकों से निजी तौर पर ग्रामीण क्षेत्र मैं चिकित्सा सेवा दे रहे ग्रामीण स्वास्थ्य को (झोलाछाप डॉक्टरों) को चिकित्सा सुविधा देने हेतु अनुमन्य किया जाए उन्होंने श्री पांडे से कहा कि चूंकि आपके द्वारा समाज हित में ऐसी लड़ाई निरंतर लड़ी जाती है निजी शिक्षण संस्थानों के क्षेत्र में आपने निर्णायक लड़ाई लड़ी है क्योंकि देश और समाज का हित बिना शिक्षा चिकित्सा के मजबूती के संभव नहीं है ऐसे में इस क्षेत्र में हम आपके सहयोग की अपेक्षा करते हैं श्री पांडे ने इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आश्वासन देते हुए कहा सरकार द्वारा निजी विद्यालयों और चिकित्सालयों पर की जा रही कार्यवाही उसी तरीके से है ₹5 की चाय न पीकर कोई व्यक्ति ₹25 वाली चाय की दुकान पर जाये तो सरकार उस दुकान को बंद कराने लगे सरकार के विद्यालय और चिकित्सालय में यदि प्रशिक्षित शिक्षक चिकित्सक उपलब्ध हैं व काम कर रहे हैं तो फिर जनता निःशुल्क शिक्षा चिकित्सा छोड निजी संस्था में क्यों जा रही है वास्तव में शिक्षा चिकित्सा की स्थिति दयनीय है तथा छात्रों व मरीजों के सापेक्ष शिक्षकों व चिकित्सकों तथा संसाधनों का अभाव है सरकार जब तक अपने संस्थानों को मजबूत नहीं कर पाती उसे निजी क्षेत्र के संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाने का कोई अधिकार नहीं हम सरकार से अपील करते हैं कि निजी क्षेत्र के चिकित्सकों को प्रशिक्षण देते हुए ग्रामीण क्षेत्र में सेवा कार्य करने की अनुमति देते हुए उन्हे गुणवत्ता पूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध काराने हेतु बिहार व अन्य प्रान्तों की भांति अनुमन्य करे अन्यथा आने वाले दिनों में आम जन के सहयोग से हम व्यापक लड़ाई लड़ने को बाध्य होंगें

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