बस्ती ।
जनपद में एक के बाद एक लूट व हत्या की घटित घटना से जनता में भय व आतंक व्याप्त है कब कहां अपराधी घटना को अंजाम दे दें कुछ कहा नहीं जा सकता बहुचर्चित कबीर हत्याकांड, गम्बज हत्याकांड, परसुरामपुर हत्याकांड के बाद बस्ती शहर में करीब पचास लाख की लूट की घटना ने तो कानून व्यवस्था की जडें हिलाकर रख दीं इसके अलावां कलिगडा में सर काटकर हत्या व मनोरमा में स्कूली छात्र फिर प्रेमी जोडे की लाशों के मिलने की घटना आम बात हो गई है उक्त घटना को लेकर कल जनपद आगमन पर जब समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय ने जनपद आगमन पर सूबे के पंचायती राज्य मंत्री से कानून व्यवस्था व सुधारने व विकास कार्य कागज में न कर धरातल पर उतारने की बात की तो वो कन्नी काटते दिखे ।
श्री पाण्डेय ने कहा कि विकास कार्यों की समीक्षा जब तक बंद कमरे में अपने कार्यकर्ताओं व अधिकारियों के मध्य होगा व्यवस्था में सुधार नहीं होना है इसके लिए जनसंवाद आवश्यक है किन्तु सूबे के मुखिया व मंत्री के पास सवालों का जबाब नहीं इसलिए सामना करने से कतराते हैं और तत्परता का दिखावा करने के लिए डी.एम. व एस.पी.का तबादला करते हैं किन्तु इस बार तो तबादला भी कारगर सिद्ध नहीं हुआ।
ऐसे में तो सरकार के पास एक ही विकल्प है कि एक बार ये सांसद विधायक बदल कर देखें उन्होने कहा कि अधिकारी व जगह का नाम बदलने से कुछ नहीं होगा पर सरकार तो जनभावनाओं से खेल रही है शायद ये चुनाव आते आते हाजमोला का नाम भी बदल दें कारण वो हज व मौला से मिलकर बना है श्री पाण्डेय के साथ महेन्द्र चौहान, बी.एम.बर्मा,अखिल यादव,तिलकराम बर्मा,शिवम तिवारी, बृजेश साहू, विवेक पाण्डेय,अम्ब्रीश मिश्र सहित दर्जनों समर्थक मौजूद रहे ।
बस्ती से अनिल शुक्ला की रिपोर्ट