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विश्व महिला दिवस पर, राष्ट्रपति ने 15 महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्कार से किया सम्मानित :- दिल्ली से रोज़ी की रिपोर्ट

दिल्ली ।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविद नें अंतरास्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर 15 महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया । यह पुरस्कार 15 प्रतिष्टित महिलाओं को विशेष रूप से असहाय और वंचित महिलाओं के उत्थान की दिशा में किये गये उत्कृष्ट प्रयासों के लिए दिये गये। नारी शक्ति पुरस्कार के लिए नामित केरल के कोल्लम के अलप्पुझा की भागीरथी अम्मा पुरस्कार प्राप्त करने के लिए दिल्ली नहीं आ सकी।
नारी शक्ति पुरस्कार महिला और बाल-विकास मंत्रालय की एक पहल है जो व्यक्तियों और संस्थाओं द्वारा समाज में महत्वपूर्ण और सकारात्मक बदलाव की दिशा में किये गये असाधारण योगदान को स्वीकारोक्ति देने के रूप में मनाया जाता हैं । इन उत्कृष्ट महिलाओं के सतत विकास लक्ष्यों के लिये 2030 एजेंडों को आगे बढ़ाने के साथ महिलाओं के अधिकार की रक्षा की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया ये पुरस्कार समाज की उन्नति में महिलाओं को समान भागीदारी के रूप में मान्यता देने का एक प्रयास हैं ।
पुरस्कार प्राप्त कर्ताओ ने अपने सपने को साकार करने की दिशा में आयु, क्षेत्रीय बाधाओ संसाधनों की परवाह नहीं की उनकी यह अदम्य भावना समाज में व्यापक स्तर पर युवा भारतीयों की सोच ,विशेष रूप से न सिर्फ लैंगिक रूढ़िवादियों को तोड़ने अपितु लैंगिक असमानता और भेद-भाव को समाप्त करने के लिए प्रेरित करेंगी।
वर्ष 2019 की नारी शक्ति पुरस्कार विजेता कृषि,खेल,हस्तशिल्प, वनीकरण और वन्यजीव संरक्षण,सशस्त्र बलों और शिक्षा जैसे विविध क्षेत्रों से हैं।
**वर्ष 2019 के नारी शक्ति पुरस्कार विजेता **

– ‘मशरूम महिला’ – बीना देवी
– मान कौर- ‘चंडीगड़ चमत्कार’ एथलेटिक्स के क्षेत्र ने
– राजमिस्त्री कलावती देवी – कानपुर और उसके आस पास के गांवों ने 40000 से अधिक शौचालय के निर्माण
– आरिफ़ जान-नमुधा हस्तशिल्प कला को पुनर्जीवित करने के लिए
-चमी मुर्मू -झारखंड की ‘लेडी टार्जन’ सक्रिय पर्यावरणविद
– मोहना जीतवाल – अवनी चतुर्वेदी भावना कंठ (भारतीय वायुसेना की महिला फाइटर पायलट )
– निजला निजला बागमों पारंपरिक लद्दाखी व्यंजनो का पहला रेस्टोरेंट खोला
– रश्मी अर्धवाले-महिला सशक्तिकरण
– कौशिक चक्रवर्ती भारतीय शास्त्रीय गायिका खयाल और ठुमकी कि विशेषज्ञ
– पदाला भूदेवी:आदिवासी महिलाओं ,विधवाओं और पोडु भूमि के विकास के लिए
– भागीरथी अम्मा और करथली अम्मा शिक्षा के लिये समर्पण ।

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