- 116 जिलों के 25 हजार से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों को मिलेगा लाभ
- अभियान को देश के छह राज्यों के 116 जिलों में शुरू किया जाएगा
गरीब कल्याण योजना के तहत देश के विभिन्न भागों से पलायन कर अपने-अपने गांव पहुंचे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा. इसके साथ ही साथ अभियान को देश के छह राज्यों के 116 जिलों में शुरू किया जाएगा.
इस कार्यक्रम के लिए 116 जिलों के 25 हजार से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों के साथ इस अभियान में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा इन 6 राज्यों को चुना गया है, जिसमें इच्छा जताने वाले 27 जिले शामिल हैं. इन जिलों से दो तिहाई प्रवासी श्रमिकों के लाभान्वित होने का अनुमान है.
बता दें कि कोरोना संकट काल में बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी की है. ऐसे में मजदूरों के पास रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. इस हालात के बीच केंद्र सरकार एक खास अभियान शुरू करने जा रही है. इस योजना का नाम गरीब कल्याण रोजगार है. योजना की लॉन्चिंग 20 जून को पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे. वहीं, इस योजना के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को मीडिया को जानकारी दी.
इस योजना के तहत देश के विभिन्न भागों से पलायन कर अपने-अपने गांव पहुंचे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा. इसके साथ ही साथ अभियान को देश के छह राज्यों के 116 जिलों में शुरू किया जाएगा. 20 जून को अभियान को शुरू करने के मौके पर इन राज्यों के मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्रालय के मंत्री भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे.
किस राज्य में कितने जिले
50 हजार करोड़ रुपये की लागत
50 हजार करोड़ रुपये की लागत से शुरू की जा रही इस योजना के तहत कामगारों को 25 प्रकार के काम दिए जाएंगे. जिन राज्यों को इस योजना से फायदा होगा, उसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा शामिल हैं. इसका फायदा 25 हजार प्रवासी मजदूरों को मिलने का दावा किया जा रहा है. सरकार का दावा है कि मजदूरों की स्किल मैपिंग की गई है.
इससे पहले, गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजी क्षेत्र के लिए 41 कोल ब्लॉक्स की नीलामी प्रक्रिया की लॉन्चिंग की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज हम सिर्फ कॉमर्शियल कोल माइनिंग के लिए नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत नहीं कर रहे हैं, बल्कि कोल सेक्टर को दशकों के लॉकडाउन से भी बाहर निकाल रहे हैं.