खंडवा, । मप्र के ज्योतिषी को कानपुर देहात बुलाकर उसका अपहरण कर लिया गया और फिर उसकी पत्नी से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई। एमपी से मिली सूचना के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने अपहृत व उसके चालक को मुक्त करा लिया। पुलिस ने अपहरण करने वाले भाजपा जिलामंत्री व उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया। अपहर्ताओं की दो कारों के अलावा पुलिस ने अपहृत की भी कार बरामद कर ली है।
खंडवा के चीरखदान निवासी सुशील तिवारी पंडिताई करने के साथ चीजों को चेक करके उसके चमत्कारी होने ते बारे में बताते हैं। बुलाए जाने पर वह भारी शुल्क लेकर कहीं भी जाते हैं और चीजों को चेक करते हैं। उनकी पहचान दिल्ली में रहकर छोटी फैक्ट्री चलाने वाले रोहित सिंह से थी। मूल रूप से मोतिहारी, बिहार निवासी रोहित की दोस्ती कई सालों कानपुर देहात के भाजपा के जिलामंत्री सत्यम सिंह चौहान के साथ है। दोनों ने अपने कुछ अन्य साथियों के साथ मिलकर सुशील से फिरौती वसूलने की योजना बनाई थी। योजना के तहत सुशील तिवारी को किसी चमत्कारी चीज को दिखाने के बहाने अकबरपुर बुलाया। सुशील अपने ड्राइवर सुनील के साथ 18 जुलाई को यहां पहुंचा। एक होटल में बात करने के बाद इन लोगों ने दोनों को अगवा कर लिया। इसके बाद इन लोगों ने सुशील के फोन से ही उनकी पत्नी रानी तिवारी को फोन करवा और एक करोड़ रुपये का इंतजाम करने को कहा।
इस बीच, रोहित ने सुशील से अपने खाते में एक लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए, जबकि सत्यम व एक अन्य अभियुक्त अंकित पांडेय ने उसके एटीएम से एक लाख 35 हजार रुपये निकाले। एसपी अनुराग वत्स ने बताया कि मामले की जानकारी 20 तारीख की दोपहर पुलिस को मिली। अपहृतों को मुक्त कराने के लिए पुलिस की तीन टीमें बनाई गईं। व्हाट्सएप पर रीना की तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने सोमवार की आधी रात सेंगुर नदी के पास से दोनों अपहृतों को बरामद करने के साथ सत्यम सिंह, रोहित व इनके एक साथी कैमाहा थाना डेरापुर निवासी पंकज सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को अभी इनके साथियों की तलाश है।
बुरी तरह पीटकर दहशत में किया
अपहरण के बाद रुपये वसूली के लिए सुशील तिवारी को दहशत में रखने के लिए बुरी तरह पीटा गया। हालत यह थी की मीडिया के सामने लाए जाने के वक्त उसके हाथ में गहरी चोट थी, जबकि डंडों की पिटाई के कारण उसकी पूरी पीठ काली पड़ चुकी थी।
जगह बदल कर उसी के मोबाइल से करते थे फोन
भाजपा में आईटी सेल का प्रभारी रहने के कारण सत्यम तकनीकी का जानकार है। दोनों को अगवा करने के बाद उनको गाड़ी से कुछ किलोमीटर दूर ले जाकर उसी से फिरौती के लिए फोन कराता था। उसके बाद तुरंत उसका मोबाइल स्विचऑफ कर जगह बदल कर उन्हें छिपा देते थे। होटल के सीसीटीवी कैमरों में उनके कैद होने से पुलिस को आगे बढ़ने का रास्ता मिल गया।
अवैध खनन व शराब की बिक्री में भी आया था नाम
सत्यम चौहान भाजपा का पदाधिकारी होने के नाते अफसरों से मिलता था। कुछ समय पहले तक उसकी अकबरपुर कोतवाली में गहरी पैंठ थी। इसके बल पर वह अवैध खनन कराता था। साथ ही उसके हाईवे पर स्थित ढाबे पर अवैध रूप से शराब बेचे जाने की भी चर्चा थी, लेकिन पुलिस ने उस पर कभी हाथ नहीं डाला।
अध्यक्ष ने कहा, निकाल दिया था
सत्यम चौहान की गिरफ्तारी के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष अविनाश चौहान ने कहा उसे निकाल दिया गया था। उन्होंने कहा अब वह पद और पार्टी में नहीं था। उन्होंने कहा कि खनन के मामले में नाम आने के बाद उसे हटाया गया था। इस सवाल का जवाब उनके पास नहीं था कि उसे कब हटाया और कब घोषणा की, हटाया था तो आज तक वह गाड़ी में भाजपा का झंडा और पद की नेम प्लेट लगाकर कैसे चल रहा था।
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साभार livehindustan