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उतर प्रदेशराजनीति

नो टेस्ट-नो कोरोना की नीति से प्रदेश की स्थिति भयावह,,यूपी में क्वारंटीन सेंटर और अस्पतालों की स्थिति बड़ी दयनीयः प्रियंका गांधी

  •  सिर्फ प्रचार और न्यूज मैनेज करके कोरोना के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी जा सकतीः प्रियंका गांधी
  • कोरोना का डर दिखाकर पूरे तंत्र में पनप रहा है भ्रष्टाचारः प्रियंका गांधी
  • महामारी में कांग्रेस पार्टी यूपी की जनता के साथ खड़ी हैः प्रियंका गांधी

लखनऊ, । 
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कोरोना माहमारी की विस्फोटक स्थिति और सरकारी लापरवाहियों के संदर्भ में पत्र लिखा है।

पत्र में महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने लिखा है कि यूपी में कल कोरोना के 2500 केस आए और लगभग सभी महानगरों में कोरोना मामलों की बाढ़ सी आई है। अब तो गाँव देहात भी इससे अछूते नहीं है।

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’उन्होंने अपने पत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैंः-

1. साफ प्रतीत होता है कि आपकी सरकार ने ‘नो टेस्ट = नो कोरोना’ को मंत्र मानकर स्व्ॅ ज्म्ैज्प्छळ की पॉलिसी अपना रखी है। अब एकदम से कोरोना मामलों के विस्फोट की स्थिति है। जब तक पारदर्शी तरीके से टेस्ट नहीं बढ़ाए जाएँगे तब तक लड़ाई अधूरी रहेगी व स्थिति और भी भयावह हो सकती है।

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2. यूपी में क्वारंटीन सेंटर और अस्पतालों की स्थिति बड़ी दयनीय है। कई जगह की स्थिति इतनी खराब है कि लोग कोरोना से नहीं अपितु सरकार की व्यवस्था से डर रहे हैं। इसी कारण लोग टेस्ट के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। ये सरकार की बड़ी विफलता है।

3. कोरोना का डर दिखाकर पूरे तंत्र में भ्रष्टाचार भी पनप रहा है। जिस पर अगर समय रहते लगाम न कसी गई तो कोरोना की लड़ाई विपदा में बदल जाएगी।

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4. आपकी सरकार ने दावा किया था कि 1.5 लाख बेड की व्यवस्था है लेकिन लगभग 20,000 सक्रिय संक्रमित केस आने पर ही बेडों को लेकर मारामारी मच गई है।

5. अगर अस्पतालों के सामने भयंकर भीड़ है तो मैं यह नहीं समझ पा रही हूँ कि यूपी सरकार मुंबई और दिल्ली की तर्ज पर अस्थाई अस्पताल क्यों नहीं बनवा रही है? चिकित्सीय सुविधा पाना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।

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6. प्रधानमंत्री बनारस के सांसद हैं और रक्षामंत्री लखनऊ के, अन्य भी कई केंद्रीय मंत्री उप्र से हैं। आखिर बनारस, लखनऊ, आगरा आदि में अस्थाई अस्पताल क्यों नहीं खोले जा सकते?

6. डीआरडीओ, सेना और पैरा मिलिटरी द्वारा अस्थाई अस्पतालों का संचालन किया जा सकता है। या आवश्यकता हो तो डीआरडीओ के अस्पताल को लखनऊ लाया जा सकता है।

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7. साथ ही दिल्ली में स्थापित केंद्रीय सुविधाओं का प्रयोग सीमवर्ती जिलों के लिए भी किया जा सकता है। वहाँ के अस्पतालों का अधिकतम उपयोग अभी नहीं हो पा रहा है।

8. होम आइसोलेशन एक अच्छा कदम है परंतु इसे भी आनन-फानन में आधा अधूरा लागू नहीं किया जाए। इसे लागू करते वक्त निम्न बिंदुओं पर सुचिंतित निर्णय किए जाएँ –

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  • मरीजों की मॉनिटरिंग और सर्विलांस की क्या व्यवस्था होगी?
  • हालत बिगड़ने पर किसे सूचना देनी होगी?
  • होम आइसोलेशन में चिकित्सीय सुविधाओं का खर्च क्या होगा?
  • मरीजों के टेम्प्रेचर और ऑक्सिजन लेवल चेक करने की व्यवस्था क्या होगी?
  • सरकार को इसकी पूरी मैपिंग करके जनता को स्थानीय स्तर पर सम्पूर्ण जानकारी देनी चाहिए।

श्रीमती प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा है कि स्थितियाँ गंभीर होती जा रही हैं। आपसे आग्रह करती हूँ कि सिर्फ प्रचार और न्यूज मैनेज करके ये लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है।

उन्होंने पत्र में कहा है कि मुझे आशा है कि आप जल्द बड़े और प्रभावी कदम उठाएँगे जिससे उप्र की जनता को यह भरोसा हो सके कि सरकार उनके जीवन की रक्षा के लिए तत्पर है और उन्हें भगवान भरोसे नहीं छोड़ दिया जाएगा।

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महासचिव ने मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा है कि मुझे इस बात का अहसास है कि अक्सर आपकी सरकार को लगता है कि हमारे सुझाव सिर्फ राजनीतिक दृष्टिकोण से दिए जाते हैं। पैदल चल रहे यूपी के मजदूरों के लिए हमारी तरफ से बसें चलवाने के प्रयास के दौरान आपकी सरकार की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट प्रतीत हुआ था।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि मैं एक बार फिर से आपको विश्वास दिलाना चाहती हूँ कि उप्र की जनता के स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा इस समय हमारी सबसे बड़ी भावना है। हम सकारात्मक सहयोग और सेवा भावना से ओतप्रोत होकर लगातार प्रयास कर रहे हैं।

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पत्र के अंत में महासचिव ने कहा है कि खास तौर से इस समय जबकि महामारी तेजी से बढ़ रही है, इस युद्ध में कांग्रेस पार्टी यूपी की जनता के साथ खड़ी है और आपकी सरकार को पूरी सहायता देने के लिए तैयार है।

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