दिल्ली । केंद्र सरकार के आदेश न मानने वाले अफसरों पर गाज गिर गई है। अंडर सेक्रेटरी रैंक के अफसरों को अब एक साल तक डिप्टी सेक्रेटरी रैंक में एडहॉक प्रमोशन नहीं मिलेगा। सरकार के आदेशों की अवहेलना करने वाले आठ अधिकारी, एम्स, एनटीआरओ, एनडीएमसी, एसएससी, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग और नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल सचिवालय आदि मंत्रालयों या विभागों में कार्यरत हैं। इनमें से कुछ अधिकारी ऐसे हैं, जिन्होंने नए पद पर ज्वाइन करने से ही मना कर दिया, जबकि कई अधिकारी प्रमोशन लेने के लिए प्रतिनियुक्ति से अपने मूल कैडर में वापस नहीं लौटे।
बता दें कि केंद्र सरकार ने अपने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए अंडर सेक्रेटरी रैंक के अफसरों को डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर एडहॉक प्रमोशन देने का आदेश जारी किया था। डीओपीटी के अनुसार, विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में कार्यरत 174 अंडर सेक्रेटरी को सेलेक्शन ग्रेड यानी डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर पदोन्नत किया गया था। यदि कोई अंडर सेक्रेटरी प्रतिनियुक्ति पर है तो उसे तीस दिन के भीतर अपने मूल कैडर में पहुंच कर नए पद पर ज्वाइन करने के आदेश दिए गए थे।
इनमें से कई अधिकारियों ने प्रमोशन लेने से मना कर दिया। हालांकि इन्हें कहा गया था कि वे प्रतिनियुक्ति से अपने मूल कैडर में वापस लौट जाएं और नया पदभार ग्रहण करें। केंद्र सरकार ने इन अधिकारियों को यह चेतावनी भी दी थी कि उन्होंने यदि तय समय सीमा में नए पद पर ज्वाइन नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
उसी के तहत अब एनडीएमसी में तैनात मुरारी लाल शर्मा, नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल सचिवालय में कार्यरत बी. थाविंग सिन डान्ग, स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के कोलकाता क्षेत्र के कार्यालय में तैनात यूके मुखर्जी, कोलकाता में डीआरटी 3 में कार्यरत दीपांकर दत्ता, एम्स में प्रतिनियुक्ति पर आए देव नाथ साहा, प्रतिनियुक्ति पर एनटीआरओ में गए देबाशीष देव, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग में कार्यरत लक्की रेड्डी, मदन कुमार रेड्डी और प्रतिनियुक्ति पर एसडीएमसी में गए राजेंद्र सिंह शामिल हैं।