उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में सात साल की मासूम बच्ची के साथ हुई हैवानियत ने लोगों को हिला कर रख दिया है। बालिका के साथ हुई दरिंदगी की दास्तां घटनास्थल बयां कर रहा है। मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद बेहोश हो गई तो उसे सरसो के खेत में पुआल के एक ढेर में दबा दिया गया। मौके पर हालात देखकर लोग सिहर गए।
जानकारी के मुताबिक, जिले के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र में सात साल की मासूम का शुक्रवार रात उस वक्त अपहरण कर लिया गया था, जब वह रोटी खाती हुई घर से निकली थी। उसे गांव के बाहर एक खेत में लेकर जाकर दुष्कर्म किया। इससे मासूम बेहोश हुई, तो पुआल के नीचे दबा दिया। देर रात मासूम खून से लथपथ मिली थी।
मौका-ए-वारदात पर क्षतिग्रस्त सरसों की फसल बच्ची द्वारा खुद को बचाने के लिए किए गए संघर्ष की कहानी बयां कर रही है। घटनास्थल पर खून के निशान देख लोग स्तब्ध हैं। घटनास्थल पर खाली व शराब से भरी बोतल का मिलना वारदात में एक से अधिक लोगों के शामिल होने की ओर इशारा कर रहा है। पीड़ित के पिता का भी कहना है कि बच्ची ने तीन लोगों के होने की बात कही थी। पीड़ित बच्ची के चेहरे पर बने जख्म और लड़खड़ाती आवाज, जिसने भी देखा और सुना, उसके चेहरे पर दोषियों के प्रति गुस्सा था।
70 रुपये देकर पूछी दुकान और कर लिया अपहरण
पीड़िता के पिता के मुताबिक बेटी जब कुछ देर के लिए होश में आई तो जानकारी दी। उसने बताया कि एक युवक ने 70 रुपये दिया और गांव में दुकान के बारे में पूछा। जैसे ही आगे बढ़ी तो पीछे से मुंह बंद करके उसे उठा लिया। इसके बाद दुष्कर्म किया गया। बेटी आरोपितों का हुलिया बता रही है, लेकिन स्पष्ट कह नहीं पा रही है। वह बेहद डरी और सहमी हुई है।
मामा के यहां रहकर कक्षा एक में करती है पढ़ाई
मासूम के पिता ने बताया कि बेटी पढ़ने में तेज है। उसके मामा के यहां पढ़ने के लिए भेज दिया। निजी विद्यालय में दाखिला हुआ है। कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन में वह घर आ गई। अब दरिंदगी की शिकार हो गई।