Advertisement
टॉप न्यूज़गोरखपुर

गोरखपुर का नाम था “मोअज्जमाबाद” आठ बार बदल चुका है गोरखपुर का नाम, इस नाम तक पहुंचने में गढ़ी गई कई रोचक कहानियां

वर्तमान में गोरखपुर शहर का नाम आठ पड़ाव पार करने के बाद ‘गोरखपुर’ तक पहुंचा है। पिछले 2600 साल के दौरान गोरखपुर का नाम 8 बार बदल चुका है। इस नाम तक पहुंचने में कई रोचक कहानियां गढ़ी गई है ।

Advertisement

गोरखपुर । प्राचीन भारत के इतिहासकारों के अनुसार गोरखपुर का नाम कभी रामग्राम भी हुआ करता था जो कालांतर में दुनिया को योग से परिचित कराने वाले गुरु गोरक्षनाथ के नाम से होते हुए गोरखपुर पर आकर ठहर गया। दुनिया को योग से परिचित कराने वाले गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर गोरखपुर का मौजूदा नाम 217 साल पुराना है।

Advertisement

इसके पहले नौवीं शताब्दी में भी इसे गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर ‘गोरक्षपुर’ के नाम से जाना जाता था। बाद की सदियों में शासकों की हुकूमत के साथ इस क्षेत्र का नाम भी बार-बार बदलता रहा। कभी सूब-ए-सर्किया के नाम से जाना गया, कभी अख्तर नगर, कभी गोरखपुर सरकार तो कभी मोअज्जमाबाद के नाम से। अंतत: अंग्रेजों ने 1801 में इसका नाम ‘गोरखपुर’ कर दिया जो नौवीं शताब्दी के ‘गोरक्षपुर’ और गुरु गोरक्षनाथ पर आधारित है।

Advertisement

साहित्यकार डॉ. वेदप्रकाश पांडेय द्वारा संपादित किताब ‘शहरनामा’ के अनुसार मुगलकाल में जब जौनपुर में सर्की शासक हुए तो इसका नाम बदलकर सूब-ए-सर्किया कर दिया गया। एक समय में इसका नाम अख्तरनगर भी था। फिर वह दौर आया जब इसे गोरखपुर सरकार कहा गया।

Advertisement

औरंगजेब के बेटे के नाम पर हुआ मोअज्जमाबाद
औरंगजेब के शासन (1658-1707) के दौरान इसका नाम मोअज्जमाबाद पड़ा। औरंगजेब का बेटा मुअज्जम यहां शिकार के लिए आया था। वह कुछ वक्त तक यहां ठहरा। उसी के नाम पर शहर का नाम मोअज्जमाबाद कर दिया गया। 1801 में अंग्रेजों ने एक बार फिर गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर शहर का नाम बदलकर गोरखपुर कर दिया। तबसे आज तक इसका नाम यही है।

Advertisement

गोरखपुर विवि के प्राचीन इतिहास विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. राजवंत राव के अनुसार जहां रामगढ़झील है वहां 2600 साल पहले रामग्राम हुआ करता था। यह कोलियों की राजधानी थी। भौगोलिक आपदा के चलते रामग्राम धंसकर झील में बदल गया। चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में इस क्षेत्र को पिप्पलिवन के नाम से भी जाना गया। गुरु गोरक्षनाथ के बढ़ते प्रभाव के चलते नौवीं शताब्दी में इसका नाम गोरक्षपुर हुआ।

Advertisement

कब रहा कौन सा नाम

  • रामग्राम, छठवीं शताबदी ईसा पूर्व
  • पिप्पलीवन-तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व
  • गोरक्षपुर-नौवीं शताब्दी
  • सूब-ए-सर्किया-13वीं, 14वीं शताब्दी
  • अख्तरनगर-14वीं शताब्दी के बाद किसी कालखंड में
  • गोरखपुर सरकार-17वीं शताब्दी से पूर्व किसी कालखंड में
  • मोअज्जमाबाद-17वीं शताब्दी में
  • गोरखपुर-1801 से अब तक

 

Advertisement

 

Advertisement

Related posts

नगालैंड से दर्दनाक तस्वीरें, एक साथ दफनाए गए 12 शव

Sayeed Pathan

नूपुर शर्मा का सर कलम करने की धमकी देने वाला हैदराबाद से गिरफ्तार

Sayeed Pathan

लोकसभा चुनाव 2024: प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनुपस्थित एवं असफल, पीठासीन एवं मतदान अधिकारियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में होगी कार्यवाही:- डी.ई.ओ.

Sayeed Pathan

एक टिप्पणी छोड़ दो

error: Content is protected !!