मिशन सन्देश नई दिल्ली । भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अब काफी कमजोर पड़ चुकी है. वायरस से संक्रमण के मामले लगातार घट रहे हैं. मंगलवार को संक्रमण के 26 हजार मामले सामने आए और इसके साथ ही 252 मौतें दर्ज की गईं. इसके बाद दिल्ली एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया के मुताबिक कोरोना वायरस अब महामारी नहीं रह गया है. हालांकि उन्होंने सावधान किया कि जब तक भारत में हर व्यक्ति को वैक्सीन नहीं लग जाती तब तक सतर्क रहने की जरूरत है. नहीं आएगी कोरोना की तीसरी लहर उन्होंने लोगों से खास तौर पर सभी के लिए त्योहारों पर भीड़-भाड़ से बचने की सलाह दी है.’ डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि भारत में दर्ज हो रहे आंकड़े अब 25 हजार से 40 हजार के बीच आ रहे हैं. अगर लोग सावधान रहे तो कोरोना संक्रमण के मामले धीरे-धीरे कम होते रहेंगे. उन्होंने कहा कि देश में कोरोना कभी पूरी तरह खत्म नहीं होगा. भारत में जितनी तेजी से वैक्सीनेशन हो रहा है, उसे देखते हुए कोरोना का अब महामारी की शक्ल लेना या बड़े पैमाने पर फैलना मुश्किल है. आम फ्लू-साधारण खांसी जुकाम जैसा हो जाएगा कोरोना वायरस
एम्स डायरेक्टर डॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि कोरोना वायरस
जल्द ही आम फ्लू यानी साधारण खांसी, जुकाम की तरह हो जाएगा क्योंकि लोगों में अब इस वायरस के खिलाफ इम्युनिटी तैयार चुकी है. लेकिन बीमार और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को इस बीमारी से जान का खतरा बना रहेगा.
बूस्टर डोज भी है जरूरी, पर अभी नहीं
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि भारत में प्राथमिकता ये है कि सभी लोगों को वैक्सीन की दोनो डोज लग जाएं, बच्चों को भी वैक्सीन लग जाए. इसके बाद ही बूस्टर डोज पर जोर दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ वक्त के बाद बेहद बीमार, बुजुर्गों या कमजोर इम्युनिटी वालों को बूस्टर डोज दी जा सकती है. ये भी जरूरी नहीं कि बूस्टर उसी वैक्सीन का लगे जो किसी ने पहले लगवाई हो. कोई नई वैक्सीन लगवाकर भी बूस्टर का काम किया जा सकता है, हालांकि इस बारे में पहले एक पॉलिसी बनाई जाएगी.” गुलेरिया ने कहा कि कुछ लोगों को बूस्टर डोज की जरूरत पड़ सकती है. ये बूस्टर दूसरी वैक्सीन की भी लग सकती है. लेकिन इस पर फैसला लिया जाएगा, पहले सभी को वैक्सीन लगानी जरूरी है, फिर बूस्टर की बारी आएगी. डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि दिसंबर तक सभी को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है.