दिल्ली । देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के 2 केस मिल गए हैं। कर्नाटक के इन दोनों मरीजों की उम्र 46 और 66 साल है। ये 11 और 20 नवंबर को बेंगलुरु आए थे। कोरोना के इस नए वैरिएंट के मरीज मिलने के बाद सरकार की चिंता और बढ़ गई है। लोगों को मास्क पहनने के साथ ही सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है। इस वैरिएंट पर देश-दुनिया के वायरोलॉजी एक्सपर्ट चिंता जाहिर कर रहे हैं, आइए जानते हैं ओमिक्रॉन पर ऐसे ही 8 एक्सपर्ट की क्या राय है।
2. WHO की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि डेल्टा वैरिएंट से भारत में सबसे ज्यादा मौतें हुई थीं। अभी इसकी जानकारी सामने नहीं आई है कि ओमिक्रॉन, डेल्टा वैरिएंट से कितना ज्यादा खतरनाक है और कितनी तेजी से फैलता है। दक्षिण अफ्रीका में जो लोग इससे संक्रमित हुए हैं, उनमें से कुछ वैक्सीनेट थे।
3. ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेडकर ने बताया कि नया वैरिएंट के बारे में फिलहाल ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन शुरुआत रिपोर्ट से पता चला है कि इससे संक्रमित होने पर अस्पताल में एडमिट होने की जरूरत नहीं आई है। उन्होंने कहा हल्के लक्षणों को रोका नहीं जा सकता है, क्योंकि वैरिएंट लगातार आते रहेंगे।
4. दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने ओमिक्रॉन को इम्युनिटी पर असर डालने वाला वायरस बताया है। उन्होंने कहा कि यह वैरिएंट वैक्सीन की प्रभावशीलता कम कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में उपयोग की जा रही वैक्सीन का दोबारा मूल्यांकन करने की जरूरत है।
5. गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के डॉ. अरविंद कुमार ने कहा है कि कर्नाटक में ओमिक्रॉन के मामले मिलने से ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। लेकिन अब लोगों को सावधान हो जाना चाहिए। मास्क पहनना चाहिए और पहले की तरह ही सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य उपाय अपनाने शुरू कर देने चाहिए। जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाया है, उन्हें तत्काल दोनों डोज लेने चाहिए।
6. महाराष्ट्र समेत कई राज्यों की सरकार को कोविड से जुड़ी नीति बनाने की सलाह देने वाले डॉ. शशांक हेडा ने ओमिक्रॉन को बेहद खतरनाक बताया। डॉ. हेडा CovidRxExchange के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। उन्होंने कहा है कि ओमिक्रॉन का जेनेटिक रूप बदल सकता है। यह कितना खतरनाक है यह आने वाले समय में पता चलेगा।
7. जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भण्डारी ने कहा है कि ये वैरिएंट भारत में तीसरी लहर का कारण बन सकता है। ये इतना खतरनाक है कि डबल डोज लगाकर इम्यूनिटी डेवलप कर चुके व्यक्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा सकता है। नए वैरिएंट में 30 से ज्यादा स्पाइक्स का म्यूटेशन पाया गया है, जो लंग्स को बहुत तेजी से डैमेज कर सकता है।
8. पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के माइक्रो वायरोलॉजी विभाग के पूर्व HOD प्रोफेसर डॉ. सत्येंद्र सिंह का कहना है कि जिन लोगों को पहले चरण में वैक्सीन दी गई है, उन्हें अब बूस्टर डोज लगनी चाहिए। जिन लोगों को सेकेंड डोज लिए 6 से 9 महीने हो गए हैं उन्हें बूस्टर डोज देना चाहिए। क्योंकि 6 से 9 महीने में एंटीबॉडी फॉल पर होती है।