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जनता के विचारसंपादकीय

विधानसभा चुनाव 2022-: जानिए कैसे फंसा मुस्लिम सपा के जाल में

प्रयागराज (इलाहाबाद) । भारत में भाजपा के समर्थन से जनता दल की सरकार बनी v.p. सिंह प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश में जनता दल की सरकार में मुलायम यादव मुख्यमंत्री बने। L.k. आडवाणी ने अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए कारसेवा शुरू किया और मुलायम ने अपने मुख्यमंत्री काल में कारसेवकों पर गोलियां चलवाई।

बिहार में जनता दल के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने आडवाणी को गिरफ्तार करा लिया भाजपा ने समर्थन वापस लेकर v.p. सिंह की सरकार गिरा दिया और उत्तर प्रदेश में जनता दल दो भागों में बंट गई अजित सिंह और मुलायम अपने अपने गुट के नेता बने। जनता दल से निकलकर चन्द्रशेखर ने एक गुट बनाया (सजपा) और कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बन ग‌ए तो मुलायम भी चन्द्रशेखर के साथ जाकर मुख्यमंत्री बने रहे।

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चुनाव हुआ तो चन्द्रशेखर+मुलायम चुनाव हार गए अब केन्द्र में कांग्रेस की नरसिम्हा राव के नेतृत्व में और उत्तर प्रदेश में भाजपा की कल्याण सिंह के नेतृत्व में सरकार बनीं राम मंदिर निर्माण का आन्दोलन इस बार कांग्रेस और प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के सहयोग से शुरू हुआ और बाबरी मस्जिद को तीन दिन में शहीद कर दिया गया शहादत बाद प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव दिल्ली दूरदर्शन समाचार पर आकर बाबरी मस्जिद को वहीं दोबारा बनाए जाने का वादा राष्ट्र के नाम संदेश में करते हैं और भाजपा के चार प्रदेश की सरकार (उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान) की सरकार बर्खास्त कर देते हैं और RSS पर प्रतिबंध लगा देते हैं ये अलग बात है कि कुछ ही महीनों में कांग्रेस सरकार RSS पर से प्रतिबंध हटा देते हैं।

मुस्लिम समाज इधर कारसेवकों पर गोलियां चलवाने पर मुलायम के सियासती गुलाम बनने पर मोहर लगा लेते हैं उधर संसार में भाजपा अपमानित होने और जवाबदेही होने पर कल्याण सिंह और साक्षी महाराज को पार्टी से निकाल देते हैं चुनाव आता है मुलायम यादव समाजवादी पार्टी बनाते हैं और बसपा से गठबंधन करके फिर मुख्यमंत्री बनते हैं और राजनैतिक जीवन में कमजोर पड़ चुके कल्याण सिंह और साक्षी महाराज को सपा का सदस्य बनाते हैं और कल्याण सिंह के पुत्र+बहू को अपने मंत्रिमंडल में मंत्री बनातें हैं और साक्षी महाराज को सपा से राज्यसभा सदस्य सपा में इनके मान-सम्मान को देखकर आज़म खान बगावत कर देते हैं और (मुलायम धोती के अन्दर खाकी नैकर पहनते हैं ) ये बात मुस्लिम समाज को भाषणों में बताते हैं और आज़म खान मुस्लिम समाज के राजनैतिक मसीहा बन जाते हैं।

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अब लगभग बीस साल तक उत्तर प्रदेश में सत्ता मुलायम और मायावती के पास आती जाती रहती है। २०१२ में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होता है मुलायम अखिलेश शिवपाल यादव सपा घोषणा पत्र में मुस्लिम समाज को १८ फीसदी सरकारी नौकरियों में आरक्षण, जेल में बंद बेगुनाह मुस्लिमों की रिहाई, मुस्लिमों पर लगे फर्जी मुकदमों की वापसी का नारा देते हैं और ९५ फीसदी मुस्लिमों का वोट पाकर सपा पूर्ण बहुमत में आती है और मुलायम साज़िश रचकर अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता चुनकर उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनवा देते हैं।

अखिलेश अपनी सरकार में सन्त मानकर निर्दलीय विधायक राजा भैया को मंत्री पद और सपा विधायक अतीक अहमद को अपराधी कहकर धक्का देते हैं, अखिलेश सरकार में ४०० से ज्यादा साम्प्रदायिक दंगा मुस्लिमों को ईनाम में मिलते हैं जिसमें मुजफ्फरनगर दंगा भाजपा राज़ में गोधरा और कांग्रेस राज़ में भागलपुर जैसा होता है,

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अखिलेश सरकार में प्रतापगढ़ में पुलिस अधिकारी जियाउल हक की सरेआम कत्लेआम होता है और अपराधी गुलशन यादव गिरफ्तार होता है, अखिलेश सरकार में मजबूत होती मुस्लिम क़यादत को तोड़ा जाता है, अखिलेश सरकार में भारत में पहली बार नबी पाक सल०अलै० की शान में गुस्ताख़ी कमलेश तिवारी करता है तो उसको Z श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है, अखिलेश सरकार में पिता मुलायम और चाचा शिवपाल को अपमानित किया जाता है और अखिलेश सपा के सुप्रीमो बनते हैं, अखिलेश सरकार में ही उत्तर प्रदेश में मांबलीचिंग की शुरुआत होती है, अखिलेश सरकार में जवीद अहमद को DGP नहीं बनाया जाता उधर मुलायम सरकार हामिद अंसारी को राष्ट्रपति बनने का विरोध करती है, अखिलेश सरकार में पिता मुलायम अखिलेश यादव को मुस्लिम विरोधी कहते हैं, अखिलेश यादव मुख्यमंत्री रहते हुए अपने आपको कट्टर हिन्दूत्ववादी कहते हैं आदि।

अखिलेश विपक्ष में रहकर मुस्लिम समाज पर हो रहे जुल्म सितम नाइंसाफी पर खामोश रहते हैं, CAA-NRC-NpR कानून पर चुप रहते हैं, उत्तर प्रदेश में यादव समाज द्वारा मुस्लिमों पर हमला होने पर अपने आंखें बंद करते हैं, मुस्लिम भाईयों जब साक्षी महाराज पर अपने शिष्या से बलात्कार का आरोपी हुए तो मुलायम यादव ने एटा में सड़क जाम किया था पर अपने मजबूत सियासती गुलाम आज़म खान जो जेल में कैद हैं मुलायम अखिलेश यादव एक दिन भी इस सज़ा का विरोध नहीं किया,

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मुस्लिम लड़कियों – महिलाओं को कब्र से निकालकर आदेश देने वाले सुनील सिंह को अखिलेश ने सपा सदस्य बनाया, अखिलेश बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय नाम लेता है पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कहने से बचता है, सपा बदायूं से यादव और लखनऊ से मुस्लिम प्रत्याशी और शहर पश्चिमी इलाहाबाद से यादव और कुंडा प्रतापगढ़ से मुस्लिम प्रत्याशी बनाती है ऐसा क्यों? मुलायम अखिलेश यादव का भाजपा+RSS नेतृत्व से बराबर मुलाकात ऐसा क्यों? मुस्लिम भाईयों आपको मालूम है श्री अजय कुमार बिष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ की बहन श्रीमती आम्बी बिष्ट की पुत्री अपर्णा बिष्ट मुलायम की छोटी बहू हैं।

मुलायम की भतीजी सन्ध्या यादव भाजपा की जिला पंचायत सदस्य हैं और अपर्णा बिष्ट यादव राममंदिर निर्माण में २१ लाख रूपया दान देती है ऐसा क्यों? नबी पाक सल०अलै० की शान में गुस्ताख़ी करने वाले कमलेश तिवारी के परिवार को दो लाख रुपए सहायता राशि अखिलेश यादव देते हैं ऐसा क्यों? जागो मुस्लिम जागो। हक़, इंसाफ़, अधिकार, हिस्सेदारी पाने के लिए आगे आओ अपनी क़यादत सबकी हिफाजत के लिए जरा दिमाग से सोचें,

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