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कोरोना गाइडलाइन को करते हैं दरकिनार, , मंत्री से मेयर तक बिना मास्क कर रहे कार्यक्रम, पुलिस आमजन पर लगाती है जुर्माना

लखनऊ । कोविड नियंत्रण के लिए सीएम योगी की टीम – 9 सभी नियम बनाती है। टीम के सभी अधिकारी प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रहते हैं। इसमें कहा गया कि मास्क अनिवार्य किया जाए, कोविड के प्रोटोकॉल का फॉलो हो। मगर, इन नियमों की सबसे ज्यादा अनदेखी और लापरवाही लखनऊ में ही हो रही है। ऐसे में सूबे के अन्य शहरों और जिलों का क्या हाल होगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।

बाजारों में सैनिटाइजेशन का काम पूरी तरह से बंद हो चुका है। अनिवार्य रूप से मास्क पहनने के नियम का तो पालन ही नहीं किया जाता है। जहां कोविड मरीज निकल रही वहां हॉट-स्पॉट इलाका बनाने की अब कोई चिंता ही लखनऊ नगर निगम को नहीं है। आम आदमी तो दूर की बात है माननीय भी इसको फॉलो नहीं करते है। सिर्फ जुबानी खर्च से कोरोना नियंत्रण किया जा रहा है। यूपी में 2022 के विधान सभा चुनाव के माहौल के बीच कमोबेश यही स्थित हर शहर की है।

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बाजारों में नहीं हो रहा सैनिटाइजेशन

बाजारों से लेकर मोहल्लों में सैनिटाइजेशन का काम कराने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। पिछले करीब तीन महीने से सैनिटाइजेशन का काम पूरी तरह से बंद हो गया है। लखनऊ व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष देवेंद्र गुप्ता कहते है कि बाजारों में नियमों की अनदेखी हो रही है।

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केस बढ़ने के बाद सरकार व्यापारियों पर पाबंदी तो लगा रही है, लेकिन अपनी व्यवस्था को नहीं सुधारा जा रहा है। नाका व्यापार मंडल के अध्यक्ष पवन मनोचा ने बताया कि उनके यहां सैनिटाइजेशन का काम बंद हो गया है।

मेयर से लेकर मंत्री तक नहीं पहनते मास्क

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नगर निगम में मेयर संयुक्ता भाटिया ने कई विकास कार्यों का शिलान्यास किया। इस दौरान उनके साथ कानून मंत्री ब्रजेश पाठक समेत नगर निगम के पार्षद मौजूद रहे। इसमें बीजेपी से लेकर सपा और कांग्रेस के पार्षद मौजूद रहे। पूरे कार्यक्रम में एक भी जनप्रतिनिधि ने मास्क नहीं पहना था। हालांकि, नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने मास्क लगा रखा था।

हॉट-स्पॅाट नहीं बनाए जा रहे

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शहर में मौजूदा समय 239 माइक्रो कैंटोमेंट जोन हैं। कहीं भी बैरिकेडिंग नहीं लगाई जा रही है। यहां तक कि अब कोरोना संक्रमितो के घर के बाहर नोटिस चस्पा करने का काम भी बंद हो गया है। गोमती नगर विस्तार के बेतवा अपार्टमेंट एक कोरोना का मरीज निकला है, लेकिन वहां भी होई कैंटोमेंट जोन नहीं बनाया गया है।

ऐसे ही मेदांता अस्पताल के 24 कर्मचारी और डॉक्टर कोविड संक्रमित हो चुके हैं। बावजूद इसके मेदांता के आस-पास कोई सख्ती नहीं की गई है। यह काम नगर निगम को करना होता है, लेकिन अधिकारी सभी काम बंद कर चुके हैं।

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