जब कोई लड़की खुद को एक्सपोज करती है, तब तो उसे टोकने कोई नहीं आता, जब हम खुद को ढंक कर रखना चाहते हैं तो लोगों को दिक्कत क्यों हो रही है। सिख स्टूडेंट भी तो पगड़ी पहनकर स्कूल जाते हैं। उनसे भी किसी को समस्या है क्या। दबाव में कुछ दिन हमें बिना हिजाब पहने स्कूल जाना पड़ा। अभी हमारी वो तस्वीरें वायरल करके कहा जा रहा है कि इन लड़कियों ने कभी हिजाब पहना ही नहीं है। हमारे स्कूल के टीचर हम पर गंदे कमेंट करते हैं। हमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान जाने के लिए कहा जा रहा है। ये सब क्या है?
हिजाब पहनने की मांग को लेकर प्रदर्शन करनेवाली आठ लड़कियों में शामिल आलिया असादी ने ये बातें भास्कर को दिए खास इंटरव्यू में कहीं। ये लड़कियां मामले को लेकर अदालत पहुंची हैं। वो हिजाब पहनने के लिए शुरू हुई कानूनी लड़ाई का चेहरा बन गई हैं। फिलहाल ये मामला कर्नाटक हाईकोर्ट में चल रहा है। हालांकि 17 साल की आलिया असादी कहती हैं, ‘ट्विटर पर मेरे फॉलोवर लगातार बढ़ते जा रहे हैं।’
प्रोटेस्ट कर रहीं तमाम लड़कियां और इनके परिवार सामने आने से बच रहे हैं। इसलिए हमें कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) की मदद लेनी पड़ी और बड़ी मशक्कत के बाद आलिया मिलने के लिए तैयार हुईं।
आलिया अपने एक दोस्त और CFI से जुड़े मसूद मन्ना के साथ भास्कर से मिलीं और खुलकर हर मुद्दे पर बात की। बातचीत से पहले हंसते हुए मसूद मन्ना ने कहा, ‘आप बेझिझक कोई भी सवाल पूछिए, हर सवाल का जवाब मिलेगा।’
ये आरोप भी लग रहे हैं कि कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया ने इन छात्राओं को प्रदर्शन के लिए उकसाया है और वो ही पर्दे के पीछे से सब कुछ तय कर रहा है। ये बातचीत इस विवाद पर आलिया और प्रदर्शन कर रही लड़कियों का पक्ष है। आप उनसे बातचीत के मुख्य अंश पढ़ें, इससे पहले आप इस सवाल का जवाब देकर अपनी राय भी दे सकते हैं।