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स्वास्थ्यसंतकबीरनगर

बच्‍चों के समुचित विकास पर स्वास्थ्य विभाग की नजर, निगरानी के लिए आशा कार्यकर्ताओं को किया गया प्रशिक्षित

  • होम बेस्‍ड केयर फार यंग चाइल्‍ड  ( एचबीवाईसी ) के लिए प्रशिक्षित हो रहीं आशा कार्यकर्ता
  • देखभाल पर  मिलेगा 250 रुपए प्रोत्‍साहन भत्‍ता , पांच दिनों का पूरा हुआ प्रशिक्षण, मिला प्रमाण पत्र

संतकबीरनगर । आशा कार्यकर्ता बच्‍चों के आरंभिक विकास पर नजर रखें। इस दौरान बच्‍चें की गतिविधियों को देखने से यह पता चल जाता है कि बच्‍चे का क्रमिक विकास हो रहा है या फिर बच्‍चे में किसी बीमारी के लक्षण हैं। बच्‍चा विविध प्रकार की प्रक्रियाओं के दौरान किस तरह से व्‍यवहार कर रहा है, उसके कान से सुनाई दे रहा है कि नहीं, या‍ फिर उसे उठने बैठने में किसी तरह की तकलीफ तो नहीं हो रही है, इस बात की भी जानकारी पता चलती है। छोटे – छोटे टिप्‍स के आधार पर हम बच्‍चे के विकास के बारे में जानकारी प्राप्‍त कर सकते हैं।

यह बातें स्‍वास्‍थ्‍य  शिक्षा अधिकारी विनोद जायसवाल ने  छोटे बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए चलाए जाने वाले होम बेस्ड यंग चाइल्ड केयर (एचबीवाईसी) कार्यक्रम के लिए बेलहर कला सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के दौरान कहीं। उन्‍होने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को 5 दिन का प्रशिक्षण दिया गया । इस दौरान बच्चों के छह माह तक स्तनपान पर बल, पूरक आहार,आवश्यक खनिज तत्वों वाले भोजन की उपलब्धता, परिवार नियोजन व संपूर्ण टीकाकरण पर विस्तार से जानकारी दी गई। आशा कार्यकर्ताओं को सम्‍बोधित करते हुए एचबीवाईसी के तकनीकी प्रशिक्षक रत्‍नेश कुमार ने बताया कि हर दस बच्चों में से लगभग चार बच्चों का उनकी उम्र के अनुपात में वजन कम होता है। लगभग दो बच्चों की लम्‍बाई  के हिसाब से वजन कम होता है। दस बच्चों में से लगभग चार बच्चों की लंबाई उम्र के हिसाब से नहीं बढ़ती है और इन सब का कारण कुपोषण है। इसे ध्यान में रखते हुए छोटे बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए एचबीवाईसी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। छोटे बच्चों की गृह आधारित देखभाल में आशा की अहम भूमिका होती है। वह घर-घर जाकर पोषण संबंधी जानकारी,स्तनपान का महत्व, ऊपरी भोजन और भोजन में आवश्यक खनिज तत्वों की उपलब्धता पर तकनीकी जानकारी लोगों को देती है। इसके लिए आशाओं को भी इनकी संपूर्ण जानकारी रखना जरूरी है ताकि लोगों को समुचित जानकारी दी जा सके।

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बच्‍चों के घरों पर आशा कार्यकर्ता करेगी विजिट

जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्‍धक ( डीसीपीएम ) संजीव सिंह बताते हैं कि इस कार्यक्रम के तहत जनपद की सभी आशा कार्यकर्ताओं व एएनएम को पांच पांच दिन की प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एक दिन का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। आशा कार्यकर्ताओं को बच्‍चे के जन्‍म के तीसरे, छठवे, नौवें, बारहवें व 15 वें महीने में कुल 5 विजिट करनी होगी। इसके लिए उन्‍हें हर विजिट के 50 रुपए के हिसाब से कुल 250 रुपए प्रोत्‍साहन के रुप में भी दिए जाएंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा हो जाने के बाद यह कार्यक्रम शुरु हो जाएगा।

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बच्‍चों के देखभाल की मिली बेहतर जानकारी

बेलहर कला क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता सरोज देवी बताती हैं कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान हमें इस बात की जानकारी प्राप्‍त हुई कि बच्‍चों की देखभाल कैसे करें। बच्‍चे की प्रतिक्रिया को देखकर उसके विकास के बारे में जानकारी प्राप्‍त करने की भी जानकारी प्रशिक्षण के दौरान दी गयी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल आशा कार्यकर्ता गीता बताती हैं कि हम लोगों को इस बात की जानकारी पिछले पांच दिनों में मिली कि एक बच्‍चे के विकास को हम किस प्रकार से देख सकते हैं तथा आने वाली कमियों को पोषक आहार का प्रयोग करके दूर कैसे किया जा सकता है।

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चित्र परिचय –

सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र बेलहर पर प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्रों के साथ प्रशिक्षणार्थी

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